scorecardresearch
शनिवार, 21 जून, 2025
होमदेशशिंदे पर अमित शाह के बयान को राउत ने नकारा

शिंदे पर अमित शाह के बयान को राउत ने नकारा

Text Size:

मुंबई, 21 जून (भाषा) शिवसेना (उबाठा) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सभी को ‘असली शिवसेना’ दिखा दी है।

शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने शनिवार को दावा किया कि शाह की टिप्पणी ने मराठी लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।

शाह ने यहां ‘एमएसीसीआईए’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की।

बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी जून 2022 में तब विभाजित हो गई, जब शिंदे ने बगावत कर दी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार को गिरा दिया।

तब से दोनों गुट बाल ठाकरे की विरासत पर दावा करते रहे हैं और खुद को ‘‘असली शिवसेना’’ बताते रहे हैं।

शाह ने कहा था, ‘‘शिंदे ने सभी को दिखा दिया है कि असली शिवसेना कौन है।’’

यह टिप्पणी क्रमशः शिवसेना और शिवसेना (उबाठा) कहे जाने वाले एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुटों द्वारा अविभाजित पार्टी का स्थापना दिवस मनाए जाने के एक दिन बाद आई।

इस बीच, शाह पर कटाक्ष करते हुए राउत ने कहा कि शिंदे की पार्टी को ‘असली शिवसेना’ कहना वैसा ही है जैसे यह कहना कि अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी रामदास आठवले की है।

शिवसेना (उबाठा) सांसद ने संवाददाताओं से कहा,‘‘ हर कोई जानता है कि अमित शाह शिंदे की पार्टी के मालिक हैं। वह कहते हैं कि शिंदे का संगठन ही असली शिवसेना है। यह ऐसा है जैसे यह कहना कि अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी रामदास आठवले की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी से हैं और आठवले जो मोदी सरकार में मंत्री हैं, वह रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के प्रमुख हैं।’

उन्होंने दावा किया कि तमाम प्रयासों के बावजूद उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उबाठा) अपनी स्थिति पर कायम है और इससे सत्तारूढ़ गठबंधन हताश है।

पिछले साल नवंबर में 288-सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनाव में शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि शिवसेना (उबाठा) को केवल 20 सीट ही मिल पाई थीं। छत्तीस सीट पर शिवसेना के उम्मीदवारों ने शिवसेना (उबाठा) के उम्मीदवारों को हराया था।

राज्य भर में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में शिवसेना गुटों के बीच की लड़ाई और भी तीखी होने वाली है, खासकर देश के सबसे अमीर नगर निकाय मुंबई में, जो कई दशकों तक अविभाजित शिवसेना का गढ़ रहा है।

भाषा शोभना रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments