मुंबई, 22 मई (भाषा) शिवसेना (उबाठा) के सांसद संजय राउत ने दावा किया है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धुले जिले के दौरे के दौरान राज्य विधानमंडल की प्राक्कलन समिति को ‘रिश्वत’ देने की कोशिश को नाकाम कर दिया। इस आरोप के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विशेष दल से जांच कराने का आदेश दिया।
समिति के अध्यक्ष अर्जुन खोतकर ने इस घटना को उनके निजी सहायक (पीए) से जोड़ने के आरोपों को खारिज कर दिया। खोतकर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के विधायक हैं।
राउत ने बुधवार रात को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि धुले शहर में सरकारी अतिथि गृह के एक कमरे में पांच करोड़ रुपये से अधिक की नकदी मिली।
राज्यसभा सदस्य ने दावा किया, ‘‘जब विधानमंडल की प्राक्कलन समिति ने आज (बुधवार को) धुले जिले का दौरा किया तब समिति को रिश्वत देने के लिए धुले के सरकारी विश्राम गृह गुलमोहर के कमरा नंबर 102 में लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपये रखे गए थे।’’
राउत ने कहा कि शिवसेना के पूर्व विधायक अनिल अन्ना गोटे और स्थानीय शिवसेना (उबाठा) नेताओं ने कमरे को बंद कर दिया और बाहर पहरा देने लगे।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सूचित करने के बावजूद चार से पांच घंटे बीत गए और कोई नहीं आया… प्रशासन की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला। रिश्वत का उद्देश्य विकास कार्यों में भ्रष्टाचार और इसमें अधिकारियों की संलिप्तता की बात को दबाना था।’’
प्राक्कलन समिति को राज्य बजट में किसी विशेष क्षेत्र को आवंटित धन के उपयोग की जांच करने का अधिकार है।
इस बीच, धुले के पुलिस अधीक्षक श्रीकांत धीवरे ने संवाददाताओं से कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
अनिल गोटे ने संवाददाताओं से कहा कि धुले अतिथि गृह में कमरा 102 खोतकर के पीए किशोर पाटिल के नाम पर बुक किया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि समिति के सदस्यों को वितरित करने के लिए कमरे में रुपया रखा गया था।
खोतकर ने संवाददाताओं से कहा कि धुले अतिथि गृह में मिले पैसे का समिति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने गोटे के आरोपों को खारिज कर दिया कि कमरा उनके पीए के नाम पर बुक किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने पीए से बात की। पीए ने बताया कि उन्होंने वह विशेष कमरा बुक नहीं किया था। उन्होंने उसके बगल वाला कमरा बुक किया था।’’
राउत ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि जिस व्यक्ति के नाम पर कमरा (102) बुक किया गया था, उसकी जांच होनी चाहिए।
मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह एक गंभीर घटना है। उन्होंने कहा, “पूरा सच पता नहीं है। लेकिन सच सामने आना ही चाहिए। विधानमंडल समिति पर प्रश्नचिह्न बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। विधायिका का सम्मान और गरिमा बरकरार रखी जानी चाहिए। सच्चाई का पता लगाने के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया जाएगा। इस बात की जांच की जाएगी कि पैसे कहां से आए और क्या किसी ने इसकी मांग की थी।”
गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे फडणवीस ने यह भी कहा कि वह विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के अध्यक्ष से सच्चाई का पता लगाने के लिए अलग से आचार समिति गठित करने का अनुरोध करेंगे।
उन्होंने कहा, “किसी भी परिस्थिति में विधानमंडल समिति के कामकाज पर संदेह नहीं होना चाहिए।”
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