नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के एक मामले में शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे एवं कारोबारी रतुल पुरी को जमानत दे दी.
विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने पुरी को राहत प्रदान करते हुए कहा कि आगे उन्हें हिरासत में रखकर कोई मकसद पूरा नहीं होगा.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले महीने पुरी और उनकी कंपनी मोजर बेयर के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.
ईडी ने पुरी को 20 अगस्त को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. सीबीआई ने 17 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की थी, उसी से यह मामला सामने आया. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 354 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में पुरी और उनके पिता दीपक पुरी, मां नीता (कमलनाथ की बहन) और अन्य पर मामला दर्ज किया गया था.
वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने पेशी के बाद बैंक धोखाधड़ी मामले में धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत पुरी को गिरफ्तार किया गया था.
अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड धनशोधन मामले में पुरी को दो दिसंबर को जमानत देते हुए उन्हें ‘सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने’ या ‘गवाहों से संपर्क साधने या प्रभावित करने की कोशिश’ नहीं करने को कहा था.