नई दिल्ली: बस्तर अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजते हुए विकास की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. सुकमा जिले के तोंगपाल में आयोजित समाधान शिविर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 500 करोड़ रुपये से अधिक लागत के विकास कार्यों की घोषणा की. साथ ही 16 करोड़ रुपये की लागत वाले विभिन्न कार्यों का लोकार्पण कर क्षेत्रवासियों को बड़ी सौगात दी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अब माओवाद मुक्त होने की दिशा में है. नक्सल प्रभावित सुकमा में अब स्कूलों की घंटियां बज रही हैं और बच्चे निर्भीक होकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सुशासन तिहार का उद्देश्य योजनाओं की ज़मीनी हकीकत जानना है. शिविर के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन का फीडबैक लिया.
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रही है और दो वर्षों का बोनस भी दिया जा चुका है. तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब प्रति बोरा 5000 रुपये की दर से भुगतान किया जाएगा. पंचायत भवनों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र शुरू किए गए हैं जिससे ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाएं मिल सकेंगी.
समाधान शिविर में महिला समूहों और खेल प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहित किया गया. गणवेश सिलाई से महिला समूहों को सालाना 1.5 लाख रुपए की आमदनी हो रही है. खेलो इंडिया के तहत 10 खिलाड़ियों को खेल किट दी गई.
मुख्यमंत्री ने किस्टाराम-कोंटा मार्ग पर ‘प्रतिज्ञा हक्कुम मेल’ बस सेवा की शुरुआत भी की और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों को घर की चाबी सौंपी.
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