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Thursday, 14 August, 2025
होमदेश‘रंजन मुस्कुराते हुए कश्मीर के लिए रवाना हुआ’: आईबी अधिकारी का शव घर पहुंचते ही रो पड़े पिता

‘रंजन मुस्कुराते हुए कश्मीर के लिए रवाना हुआ’: आईबी अधिकारी का शव घर पहुंचते ही रो पड़े पिता

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रांची/झालदा, 24 अप्रैल (भाषा) जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए आसूचना ब्यूरो (आईबी) अधिकारी मनीष रंजन का शव जैसे ही पुरुलिया जिले में स्थित उनके घर पहुंचा तो उनके पिता एम.के. मिश्रा असहनीय पीड़ा से बिलख उठे।

एम.के. मिश्रा पश्चिम बंगाल के झालदा में सेवानिवृत्त प्राधानाध्यापक है और बृहस्पतिवार को उनके 33 वर्षीय बेटे का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा।

‘‘मैं बोलना नहीं चाहता… कृपया मुझे अकेला छोड़ दीजिए’’ यही एकमात्र शब्द थे जो आईबी अधिकारी मनीष रंजन के पिता रुंधे गले से कह सके।

रंजन हैदराबाद में आईबी के ‘सेक्शन ऑफिसर’ के पद पर तैनात थे और पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में उनके सहित 26 लोग मारे गए।

उनके पिता ने कहा, ‘‘रंजन मुस्कुराते हुए कश्मीर के लिए रवाना हुआ था। वह हर दिन फोन और ‘व्हाट्सएप’ पर हमसे हमारा हालचाल पूछता था। उस दिन भी हमने उससे फोन पर बात की थी।’’

रंजन के एक मित्र ने बताया कि इस छुट्टी से लौटने के बाद उसने अपने माता-पिता को वैष्णो देवी मंदिर ले जाने की योजना बनाई थी।

रंजन का पार्थिव शरीर लेने के लिए बृहस्पतिवार को रांची हवाई अड्डे पर मौजूद संजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि वह एक मेधावी छात्र था।

रंजन के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक स्थान ले जाने के लिए रांची हवाई अड्डे पर आए उनके एक अन्य मित्र आदित्य शर्मा ने कहा, ‘‘हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी घटना घटेगी। लोग कहते हैं कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन निर्दोष लोगों को उनके धर्म के कारण बेरहमी से मार दिया गया’’।

रंजन और 25 अन्य मृतकों के शोक में झालदा कस्बे में दुकानें बंद रहीं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत अन्य नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर रंजन को श्रद्धांजलि दी।

मरांडी ने कहा कि धर्म के आधार पर निर्दोष लोगों की हत्या करना क्षमा योग्य नहीं है।

केंद्रीय मंत्री और भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने रंजन को पुष्पांजलि अर्पित की और झालदा में उनके शोक संतप्त माता-पिता को सांत्वना दी।

मजूमदार ने कहा, ‘‘इस तरह के कायराना हमले के दोषियों से उनकी भाषा में ही निपटा जाएगा। हम अपने नागरिकों की मौत का बदला लेंगे।’’

पश्चिम बंगाल के एक अन्य पीड़ित बितान अधिकारी (40) की पत्नी शोहिनी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को बताया कि कैसे आतंकवादियों ने उनके पति से कलमा पढ़ने को कहा था।

सोहिनी ने कहा, ‘‘मेरी दुनिया तबाह हो गई है। मेरे तीन साल के बेटे की देखभाल कौन करेगा? वह पूछता है कि पापा कहां हैं और कहता है ‘फायर, फायर’।’’

बितान फ्लोरिडा में रहते थे और वह सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी में काम करते थे।

आतंकवादी हमले में मारे गए पश्चिम बंगाल निवासी व केंद्र सरकार के कर्मचारी समीर गुहा के रिश्तेदार ने बताया कि कैसे गुहा की पत्नी और बेटी ने स्थानीय टैक्सी चालक इकबाल के मोबाइल से फोन किया था। हमले के बाद इकबाल ने उनकी जान बचाई थी।

जब हमलावर भाग गए तो गुहा बैसरन घाटी में खून से लथपथ पड़े थे।

गुहा के रिश्तेदार सुब्रत घोष ने बताया, ‘‘इकबाल ने अपना फोन मेरी बहन (गुहा की पत्नी) को दे दिया, जिसने मुझे यह खबर दी। वह उसके साथ खड़ा रहा और उसे लगातार आश्वस्त करता रहा। वह स्थानीय अस्पताल में उनके साथ तब तक रहा जब तक कि शव को पोस्टमार्टम के बाद उन्हें सौंप नहीं दिया गया। उसने मेरी भांजी (गुहा की बेटी) की सुरक्षा की। उसने उनके लिए हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए एक वाहन की व्यवस्था भी की और कोई किराया लेने से इनकार कर दिया।’’

गुहा बेहाला के रहने वाले थे।

बितान अधिकारी और समीर गुहा के शव बुधवार रात शहर लाए गए।

भाषा यासिर मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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