नयी दिल्ली, सात दिसंबर(भाषा) प्रतिष्ठित ‘रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार’ शनिवार को यहां एक समारोह में प्रदान किए गए और इसके तहत चार महिला लेखकों समेत पांच कथाकारों को इस सम्मान से नवाजा गया।
गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में निर्देश निधि, अंजू शर्मा, आशा पांडेय, अखिलेश श्रीवास्तव और वरिष्ठ कथाकार गीताश्री को ‘रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार’ प्रदान किया गया। इस साल इस पुरस्कार ने अपनी स्थापना के 25 वर्ष भी पूरे कर लिए।
पुरस्कार समिति के संयोजक महेश दर्पण ने बताया कि महामारी कोरोना के कारण पिछले कुछ वर्षों से यह पुरस्कार प्रदान नहीं किया जा सका था इसलिए वर्ष 2019 से 2023 के लिए एक साथ पुरस्कार प्रदान किए गए।
वर्ष 2019 के लिए यह पुरस्कार निर्देश निधि को उनकी कहानी ‘मैं ही आई हूं बाबा’ के लिए प्रदान किया गया जो ‘कथादेश’ पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
वर्ष 2020 के लिए अंजू शर्मा को उनकी ‘हंस’ पत्रिका में प्रकाशित कहानी ‘द हैप्पी बड्डे ऑफ सुमन चौधरी’ तथा आशा पांडेय को 2021 के लिए यह पुरस्कार ‘कथादेश’ में प्रकाशित उनकी कहानी ‘डेढ़ सेर चांदी’ के लिए दिया गया।
वर्ष 2022 के लिए ‘वर्तमान साहित्य’ में प्रकाशित कहानी ‘इच्छा’ के लिए अखिलेश श्रीवास्तव को और 2023 के लिए गीताश्री को उनकी ‘नई धारा’ में प्रकाशित कहानी ‘श्मशान वैराग्य’ के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
चयन समिति में वरिष्ठ कथाकार महेश कटारे, वरिष्ठ व्यंग्यकार-उपन्यासकार प्रदीप पंत, प्रसिद्ध रंगकर्मी, देवेंद्रराज अंकुर, कवि-अनुवादक केवल गोस्वामी और फिल्मकार अनवर जमाल शामिल थे।
पुरस्कार के तहत सम्मानस्वरूप प्रतीक चिन्ह, शाल और नकद राशि प्रदान की जाती है।
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. नरेश माधव
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