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Friday, 22 November, 2024
होमदेश'गिरफ्तार किसानों को रिहा करो या हमें भी गिरफ्तार करो', हरियाणा के थाने के बाहर टिकैत का धरना

‘गिरफ्तार किसानों को रिहा करो या हमें भी गिरफ्तार करो’, हरियाणा के थाने के बाहर टिकैत का धरना

थाने के बाहर लोगों को संबोधित करते हुए बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक साथी किसानों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक प्रदर्शनकारी किसान यहां से नहीं हटेंगे.

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टोहाना, (हरियाणा) : हरियाणा में फतेहाबाद के सदर थाने में दो किसानों की रिहाई की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानों ने रविवार को धरना जारी रखा.

किसानों ने बुधवार रात यहां जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायक देवेंद्र सिंह बबली के आवास का घेराव करने की कोशिश की, जिसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पुलिस ने घटना के सिलसिले में विकास और रवि आजाद को गिरफ्तार किया है.

रविवार को थाने के बाहर लोगों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि जब तक साथी किसानों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक प्रदर्शनकारी किसान यहां से नहीं हटेंगे. बीकेयू नेता ने कहा, ‘हम गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं. हम पुलिस से कह रहे हैं कि या तो हमें भी गिरफ्तार कर लो या उन्हें छोड़ दो.’

प्रदर्शनकारी किसानों ने पहले भी बबली के खिलाफ गाली-गलौज करने के आरोप में मामला दर्ज करने की मांग की थी. बबली ने बाद में किसानों के खिलाफ ‘अनुचित’ शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए खेद व्यक्त किया था.

टिकैत कुछ अन्य किसान नेताओं के साथ शनिवार रात यहां अनाज मंडी में एकत्र हुए थे और फिर थाने की ओर मार्च किया था. शनिवार को सदर थाने के बाहर मीडिया से बात करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि दो किसानों की रिहाई का मुद्दा अभी तक हल नहीं हुआ है. संयुक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहा है.

उन्होंने कहा था, ‘हमारे और पुलिस प्रशासन के बीच बातचीत में गतिरोध बना हुआ है.’ यादव ने कहा कि बबली ने विकास और रवि आजाद के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार उनके खिलाफ मामला वापस लेने को तैयार नहीं है. रविवार को टिकैत की मौजूदगी में महिलाओं के एक समूह ने किसानों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए गीत गाए.

उन्होंने किसानों के मुद्दे पर केंद्र और हरियाणा सरकार पर कटाक्ष किया और उपमुख्यमंत्री और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला को किसानों के साथ नहीं खड़े होने के लिए आड़े हाथों लिया. टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि सरकार कृषि कानूनों को निरस्त नहीं कर देती और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून नहीं बना देती.

बीकेयू नेता ने दोहराया कि सरकार किसानों के आंदोलन के केंद्र को दिल्ली की सीमाओं से हरियाणा के रोहतक-जींद बेल्ट में स्थानांतरित करना चाहती है, जो एक “चाल” है जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा. एक जून को, बबली को किसानों के एक समूह के विरोध का सामना करना पड़ा था, जिन्होंने उन्हें काले झंडे दिखाए थे और नारे लगाए. बबली ने आरोप लगाया था कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने गलत व्यवहार किया और उनकी कार के शीशे तोड़ दिए.

हालांकि, किसानों ने बबली पर सार्वजनिक रूप से अभद्र और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार को कहा था कि अगर विधायक बबली ने छह जून तक माफी नहीं मांगी तो वे सात जून को राज्य भर के सभी थानों का घेराव करेंगे. राज्य में कई किसान समूह भाजपा-जजपा नेताओं के सार्वजनिक कार्यक्रमों का विरोध करते रहे हैं.

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