नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि देश के प्रति भारतीय सैनिकों और पूर्व सैनिकों का समर्पण एक ‘अनुकरणीय उदाहरण’ है. लद्दाख की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचने के तुरंत बाद उन्होंने यह बात कही.
सिंह की यात्रा का मकसद चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना है.
अधिकारियों ने बताया कि लेह में रक्षा मंत्री ने लेह, कारगिल और लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के निर्वाचित वरिष्ठ प्रतिनिधियों से बातचीत की. रक्षा मंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी थे और इस दौरान सिंह ने सशस्त्र बलों के पूर्व जवानों से भी मुलाकात की और उनके कल्याण तथा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.
सिंह ने कहा, ‘देश के प्रति भारतीय सैनिकों और पूर्व सैनिकों का समर्पण एक अनुकरणीय उदाहरण है. मैं तहे दिल से सभी का आभार व्यक्त करता हूं.’
सिंह के कार्यालय ने उनके हवाले से कहा, ‘हमारा लक्ष्य है कि आप सब की उसी प्रकार से देखभाल हो जिस प्रकार से आपने देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली है. इन सब के बावजूद अगर आपको कहीं कोई दिक्कत हो तो उसे दूर करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया है.’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षामंत्री चीन के साथ संघर्ष के अनेक स्थानों से सैनिकों को वापस भेजने के अगले चरण में गतिरोध के बीच पूर्वी लद्दाख में भारत की अभियानगत तैयारियों की समग्र समीक्षा करेंगे. उनका इस संवेदनशील इलाके में दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब लंबे समय से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए दो दिन पहले ही भारत और चीन के बीच नए दौर की बातचीत हुई है.
रक्षा मंत्री जमीनी हकीकत का जायजा लेने के लिए अधिक ऊंचाई वाले अड्डों पर और अनेक अहम स्थानों पर जाएंगे और वैमनस्य के वातावरण में वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा कर रहे सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाएंगे.