जयपुर, दो नवंबर (भाषा) राजस्थान सरकार ने राजकीय कार्यों में भ्रष्टाचार, लापरवाही और अनुशासनहीनता के प्रति अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत आठ मामलों में 13 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। एक आधिकारिक बयान में रविवार को यह जानकारी दी गई।
इसके तहत जल जीवन मिशन में अनियमितताओं के लिए तीन अभियंताओं के खिलाफ जांच का पूर्वानुमोदन किया गया है।
बयान के अनुसार राजकीय कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन सुनिश्चित करते हुए राज्य सरकार भ्रष्ट, लापरवाह और अनुशासनहीन कर्मचारियों के खिलाफ निरंतर सख्त कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य सेवा के अधिकारियों के खिलाफ आठ प्रकरणों का निस्तारण करते हुए 13 कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की हैं।
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 17-ए के अंतर्गत जल जीवन मिशन की निविदाओं में गड़बड़ी के एक प्रकरण में तीन अभियंताओं के विरूद्ध विस्तृत जांच करने का पूर्वानुमोदन किया है। साथ ही, सेवारत अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के दो प्रकरणों में वार्षिक वेतन वृद्धियां रोकने के दण्ड से दण्डित भी किया गया है।
इसी प्रकार, नियम 16 सीसीए में प्रमाणित आरोपों की जांच निष्कर्ष का अनुमोदन करते हुए एक प्रकरण को राज्यपाल के अनुमोदन के लिए अग्रेषित किया गया है। वहीं सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरूद्ध राज्यपाल से अनुमोदित एक प्रकरण में पेंशन रोके जाने के दण्ड से दण्डित किया गया है। दो मामलों में सीसीए नियम 34 के तहत अपील याचिका को खारिज करते हुए पूर्व प्रदत्त दण्ड को यथावत रखा गया है।
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रवि कांत
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