नई दिल्ली: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में सरकार का अंतरिम बजट पेश किया. गहलोत ने भूल से पिछला बजट पढ़ा दिया था जिसपर भाजपा के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद सदन कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई थी. बाद में अशोक गहलोत ने नया बजट पेश करते हुए कहा, ‘मुझे खेद है, जो हुआ वह गलती से हुआ.’
गहलोत ने अपने बजट में कहा, मैं फूड पैकेट नि शुल्क देने की घोषणा करता हूं. इस पर 3000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. उन्होंने आगे कहा इस किट में 1-1 किलो दाल, चीनी और नमक मिलेंगे. खाद्य तेल और गर्म मसाले भी मिलेंगे.
गहलोत ने आगे कहा उज्जवला योजना में लोगों को गैस सिलेंडर मिले थे लेकिन अब महंगाई के कारण गैस नहीं भरवा पा रहे हैं. उन परिवारों को 500 रुपए में एलपीजी गैस सिलेंडर देंगे.
100 यूनिट मुफ्त बिजली
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में ऐलान किया कि, अब घरेलू उपभोक्ताओं को 50 यूनिट की जगह 100 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी. इस योजना से 1 करोड़ 4 लाख लोगों को फायदा होगा. पांचों बिजली कंपनियों के आईटी संबंधित कामों के लिए विद्युत आईटी कंपनी बनेगी.
शिक्षा और युवाओं के लिए ऐलान
गहलोत ने बजट 2023 में युवाओं को रोजगार और शिक्षा के लिए भी कई कदम उठाए. इसके लिए उन्होंने 500 करोड़ के कल्याण कोष के गठन करने का ऐलान किया. साथ हर जिले में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र भी खोले जाएंगे. पेपर लीक को लेकर स्पेशल टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की. जिसमे ये समिति पेपर लीक को रोकने के लिए कदम उठाएगी. 200 करोड़ शिक्षा छात्रवृति और संसाधन पर खर्च होंगे. 100 करोड़ रुपए स्किल डेवलपमेंट पर खर्च होंगे.
2024 में 100 मेगा जॉब फेयर लगाए जाएंगे. विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए अनुप्रति योजना शुरू की थी जिसे सफलता मिल रही है. इस योजना के तहत अब 15000 की बजाय 30000 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा. अनुप्रति योजना का दायरा बढ़ाकर दोगुना किया जाएगा. जिला मुख्यालय पर 100 बेड की क्षमता के विवेकानंद यूथ हॉस्टल बनाए जाएंगे. प्रत्येक जिला मुख्यालय पर सावित्रीबाई फुले वाचनालय शुरू किए थे. अब प्रत्येक उपखंड मुख्यालय पर ऐसे लाइब्रेरी बनेंगे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में आरटीई का दायरा बढ़ाते हुए कहा कि अभी तक आठवीं कक्षा तक ही निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था थी. अब छात्राओं के साथ छात्रों को आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूल में प्रवेश लेने पर 12वीं क्लास तक निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था होगी. साथ ही ये भी कहा कि प्रदेश में आर एस एम एम के सहयोग से माइनिंग इंडस्ट्री स्थापित किया जाना प्रस्तावित है. आईआरडी स्किल यूनिवर्सिटी का नाम विश्वकर्मा स्किल युनिवर्सिटी किया जाएगा. उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए सरकारी कॉलेज और गर्ल्स कॉलेज खोले जाएंगे. उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सुधार के लिए जयपुर में फैकल्टी डेवलपमेंट एकेडमी स्थापित की जाएगी.
कालीबाई भील और देवनारायण योजना में छात्राओं को वर्तमान में 20 हजार स्कूटी मिल रही है. अब 20 हजार की बजाय 30 हजार स्कूटियां दी जाएगी. बालिकाओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी दी जाएगी. स्कूली शिक्षा की तर्ज पर उच्च शिक्षा में भी छात्राओं को घर से कॉलेज तक मुफ्त ट्रांसपोर्ट सुविधा मिलेगी. इस योजना के तहत छात्राएं कॉलेज से 75 किमी की दूरी तक मुफ्त यात्रा कर सकती हैं.
खेल पर होने वाले खर्च
उन्होंने आगे कहा, प्रदेश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में फिर से शहरी और ग्रामीण ओलंपिक वृहद स्तर पर होंगे. इस पर 150 करोड़ रुपए खर्च होंगे. प्रत्येक संभाग में सलीम दुर्रानी आवासीय स्पोर्ट्स स्कूल बनेंगे. 105 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा.
मेजर ध्यानचंद योजना के तहत स्टेडियम के लिए 2500000 रुपए एमएलए फंड से दिए जाने पर इतनी ही राशि राज्य फंड से दी जाती है. इस रकम को बढ़ाकर एक करोड़ रुपए करने के प्रावधान किए.
सीएम युवा उद्यम प्रोत्साहन योजना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पुरुष और महिला उद्यमियों को 10 और 15 फीसदी मार्जिन मनी 5 लाख की सीमा तक दी जाएगी. इस पर 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
एनएसएस और स्काउट गाइड को रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा मिलेगी.
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जीवन बीमाओ के लिए बड़ी घोषणाएं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा, निरोगी राजस्थान के सपने को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना शुरू की. इसके तहत 3700 करोड रुपए खर्च हो रहे हैं. यह एक करोड़ 10 लाख परिवारों को निशुल्क इलाज का लाभ मिल रहा है.
गहलोत ने दुर्घटना बीमा की राशि को भी 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने का ऐलान किया. इसके अलावा आर यू एच एस में पोस्ट कोविड सेंटर खोलने का भी ऐलान किया. 25 लाख रुपये तक इलाज मुफ्त किया.
मुख्यमंत्री ने जयपुर, जोधपुर, कोटा में साइकोलॉजीकल सेंटर खोलने की घोषणा की. साथ ही प्रतापगढ़, जालौर और राजसमंद में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की. इन तीन जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने में 1000 करोड़ रुपए की लागत आएगी. आर यू एच एस की तर्ज पर प्रदेश की दूसरी मेडिकल यूनिवर्सिटी खुलेगी. सीएम गहलोत ने राज्य में एक नई मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थापित करने का ऐलान किया.
प्रदेश के सभी परिवारों को 125 दिवस प्रतिवर्ष की रोजगार गारंटी दी जाएगी. एकल महिला होने की स्थिति में न्यूनतम पेंशन होगी. इसके लिए 2500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया.
अमेजन,जोमैटो के अस्थायी कर्मियों के लिए भी कुछ
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो आदि कंपनियों के लिए काम करने वालों के लिये अस्थायी कर्मियों यानी ‘गिग वर्कर्स’ के लिए 200 करोड़ रुपये का कल्याण कोष स्थापित करने की घोषणा की है.
गहलोत ने कहा कि गिग वर्कर्स ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो, अमेजन आदि कंपनियों के लिए काम करते हैं और उनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है.
उन्होंने कहा कि ‘गिग इकॉनमी’ का दायरा बढ़ रहा है और राज्य में ‘गिग वर्कर्स’ की संख्या बढ़कर 3-4 लाख हो गई है और इनकी सामाजिक सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है.
गहलोत ने कहा ‘उन्हें उत्पीड़न से बचाने के लिए, मैं गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट लाने का प्रस्ताव करता हूं, जिसके तहत गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के गठन के साथ, 200 करोड़ रुपये के साथ गिग वर्कर्स वेलफेयर फंड की स्थापना की जाएगी.’’
दिव्यांगों के लिए भी काफी कुछ
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, एससी एसटी विकास कोष की राशि में 500 करोड़ बढ़ाकर एक हजार करोड़ की गई है. साथ ही बजट में 30,000 सफाई कर्मियों की भर्ती का ऐलान किया गया है. अनुसूचित क्षेत्र के विकास के लिए योजना के साथ ही स्थानीय ग्राम सभा को सशक्त करने का ऐलान मुख्यमंत्री द्वारा किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांग स्कूटी वितरण योजना के तहत 5000 दिव्यांगों को स्कूटी दी जाएगी.
जोधपुर में 25 करोड़ रुपए की लागत से महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय बनेगा. इसके अलावा अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए विशेष योजना लाई जाएगी. इस योजना की विस्तार से जानकारी सीएम ने सदन पटल पर रखी.
महिलाओं के लिए अशोक गहलोत का सौगात
बजट में महिलाओं के लिए भी अशोक गहलोत ने कई घोषणाएं की. राजस्थान रोडवेज में महिलाओं को किराए में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी. पहले ये छूट 30 प्रतिशत मिला करती थी, जिसे अब बढ़ाया गया है. सामूहिक विवाह में देय अनुदान राशि को 18 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए किया गया. अगर 25 जोड़ों का सामूहिक विवाह होता है तो आयोजन के लिए भी 10 लाख रुपए की सहायता मिलेगी. कोरोना काल में जिन बच्चों के मां-बाप का निधन हो गया. उनको सरकारी नौकरी दी जाएगी.
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