नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने सभी पीढ़ी के नेताओं को सम्मान दिया है. चाहे युवा हो या बुजुर्ग सभी को पार्टी ने मौका दिया. आज विज्ञान और आईटी का जमाना है. आज नई पीढ़ी के नेताओं के लिए मेहनत करने का अवसर है. यह बात राजस्थान के मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने दिप्रिंट के ऑफ द कफ के डिजिटल संस्करण में कही.
अशोक गहलोत ने दिप्रिंट के एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता के तमाम सवालों के जवाब सीएम दिए.
कांग्रेस पार्टी का किला पुराने दिग्गजों ने ही अब तक संभाल रखा है. यंग टैलेंट आगे क्यों नहीं बढ़ रहा है, इसका जवाब देते हुए सीएम गहलोत ने कहा, ‘मैं और कई कांग्रेसी नेता जो आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य भी हैं, कुछ केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं या संगठन के बड़े पद पर हो उन्होंने जमीनी स्तर और एनएसयूआई की राजनीति करते हुए इस मुकाम तक आने में करीब 30 से 40 वर्ष लग गए.’
‘नई पीढ़ी जो आ रही है यहां उनकी गलती नहीं है. उन्हें अचानक मौका मिल गया. स्थितियां ऐसी बन गईं कि उन्हें पार्टी हाईकमान ने केंद्रीय मंत्री या संगठन में बड़े ओहदे पर बैठने के अवसर भी दे दिए. उसके कारण जो उनकी रगड़ाई होनी थी वह नहीं हो पाई. सिंधिया पार्टी से चले गए. उनके पिता लंबे समय तक पार्टी के वफादार थे. सिंधिया को केंद्र में अच्छे मौके मिले. कांग्रेस पार्टी ने खूब मान सम्मान दिया. ये केवल हमारी पार्टी में ही मिलता है. आज विज्ञान और आईटी का जमाना है. आज नई पीढ़ी हमसे अच्छा काम कर सकती है. हमसे अच्छी मेहनत कर सकती है. आज नई पीढ़ी के नेताओं के लिए पार्टी के लिए मेहनत करने का अवसर है.’
पीएम मोदी राहुल गांधी को हल्के में ना लें
सीएम अशोक गहलोत ने आगे कहा आज राहुल गांधी संघर्ष कर रहे हैं. उनके बारे में कई तरह के कमेंट किए गए हैं. लेकिन वो देशवासियों के लिए कुछ करना चाहते हैं. पीएम मोदी को चाहिए राहुल गांधी की बातों पर ध्यान दें. उनकों हल्के में ना लें. वे बहुत ही गंभीर आदमी हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बार-बार विदेश जाने के सवाल पर गहलोत ने कहा, ‘किसी भी व्यक्ति को लेकर राजनीति में एक पर्सेप्शन बन जाता है. उनके बारे में भी वही बन गया है. वे तीन से चार विपश्यना में गए थे. उनको बाहर जाने का टाइम ही नहीं है.’
क्या राहुल गांधी आपसे बात करते हैं का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि करीब 15 से 20 दिनों में हमारी बात होती है. लगातार राज्य के विकास के मुद्दे को लेकर चर्चा होती है.
मेरा किसी से कोई मतभेद नहीं
राज्य के डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ रिश्ते मधुर होने के सवाल पर गहलोत ने कहा, हम तो हमारा काम करते हैं. किसी से कोई मतभेद नहीं रखते हैं. अभी संकट की इस घड़ी में हम सबको मिलकर काम करना चाहिए. जो पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता होगा और समझदार होगा वो ऐसे वक्त में नहीं चाहेगा कि आपस में लड़ाई हो.
ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह कोई और भी कांग्रेस छोड़कर जा सकता है या फिर बीजेपी राजस्थान में भी उठापटक कर सकती है, इस सवाल का जवाब देते हुए गहलोत न कहा, महाराष्ट्र और राजस्थान में उठापटक की अफवाह चलती रहती है. इसका हमें आभास भी है. हम इनका मुकाबला करेंगे. हमारे यहां भी कोशिश कर रहे हैं, मुझे इस बात की जानकारी भी है. ये लोग कर्नाटक और मप्र के बाद एक्पोज हो गए हैं. देश में कोरोना फैला हुआ है इस बीच मध्य प्रदेश सरकार को भाजपा वाले बदल रहे हैं. भाजपा के लोग लोकतंत्र का मुखौटा पहने हुए हैं. लोकतंत्र को यह नहीं मानते हैं. ये देश को किस दिशा में ले जाएंगे किसी को नहीं पता. देश में बहुत ही खतरनाक खेल चल रहा है. ये लोग तोड़ने की राजनीति करते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव और मध्य प्रदेश में उपचुनावों पर गहलोत ने कहा कि हम दोनों राज्यों में तैयारी कर रहे हैं. शक्ति सिंह गोहिल और कमलनाथ से भी बात रखी है. बिहार में पार्टी को खड़ा कर रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश में हमने पूरी ताकत लगा दी है.
मोदी मार्केटिंग में अच्छे, शाह सरकार बदलने में विश्वास रखते हैं
मोदी और शाह को लेकर पूछे गए सवालों पर राजस्थान के सीएम ने कहा कि पीएम मोदी को मौका मिला है. उन्हें देश के विकास के लिए काम करना चाहिए. देश के लिए आरएसएस का एजेंडा बहुत ही खतरनाक है. पीएम की मार्केटिंग पर अच्छी पकड़ है. वे अच्छे वक्ता हैं, इसका फायदा देश को मिलना चाहिए लेकिन इसका नुकसान हो रहा है. गृहमंत्री अमित शाह राज्यों की चुनी हुई सरकारें बदलने में विश्वास रखते हैं. जैसे कर्नाटक और मध्य प्रदेश में. रात दिन सोते उठते वो सोचते हैं कि भाजपा के अलवा कोई पार्टी जिंदा ना रहे.
मोदी-शाह को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी जी को दो बार पीएम बनने का मौका मिला है. उनकी सोच हर चीज में सकारात्मक होनी चाहिए. पार्टी और आरएसएस बाद में आती है पहले देश आता है. उन्हें इस तरीके से काम करना चाहिए. देश से गरीबी और भुखमरीखत्म करने की दिशा में काम करना चाहिए. हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करने पर इतिहास इन्हें माफ नहीं करेगा.