नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) रेल मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि एक परीक्षण शुरू किया गया है, जिसके तहत प्रतीक्षा सूची में शामिल यात्रियों के टिकटों की स्थिति के बारे में ट्रेन के प्रस्थान से 24 घंटे पहले सूचना दी गई, जबकि फिलहाल यात्रियों को केवल चार घंटे पहले सूचित किया जाता है।
मंत्रालय के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि यात्रियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद ही प्रायोगिक परियोजना को नीति का हिस्सा बनाया जाएगा।
रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने कहा, ‘हमने बीकानेर डिवीजन में यह प्रायोगिक परियोजना शुरू की, जिसके तहत ट्रेन के रवाना होने से 24 घंटे पहले चार्ट तैयार किए गए। फिलहाल यह काम चार घंटे पहले किया जाता है।’
उन्होंने कहा कि यह परीक्षण उन यात्रियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है जो ‘वेटिंग टिकट’ के कारण अपनी यात्रा के बारे में अनिश्चित रहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘अब अगर उन्हें 24 घंटे पहले पता चल जाए कि उनका टिकट कन्फर्म हो गया है, तो वे अपनी यात्रा की बेहतर योजना बना सकते हैं।’
हालांकि, एक बार टिकट कंफर्म हो जाने पर इसे कैंसिल करने पर यात्रियों को जुर्माने के रूप में टिकट की राशि का एक बड़ा हिस्सा नहीं मिलेगा।
टिकट कैंसिल नीति के अनुसार, अगर कंफर्म टिकट प्रस्थान से 48 घंटे से 12 घंटे पहले रद्द किया जाता है, तो यात्रियों को टिकट राशि का 25 प्रतिशत वापस मिलेगा। यदि प्रस्थान से 12 घंटे से चार घंटे पहले रद्द किया जाता है, तो उन्हें केवल 50 प्रतिशत राशि ही वापस मिलेगी।
अधिकारियों ने कहा, ‘टिकट रद्द होने के कारण खाली होने वाली सीट वर्तमान बुकिंग प्रणाली के माध्यम से भरी जाएंगी।’
भाषा जोहेब मनीषा
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