नई दिल्ली: प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही 3,840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने अब तक 52 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाया है. 1 मई से 19 और 25 से 28 मई के बीच भी ट्रेनें डायवर्ट नहीं हुईं, सिर्फ 20 मई से 24 के बीच राज्यों में ट्रेनों की मांग अधिक होने के चलते कुछ ट्रेनों को डायवर्ट किया गया. वहीं रेलवे ने 1 जून से चलने वाली 200 ट्रेनों की जानकारी साझा कर दी है. पहले की तरह रिजर्वेशन प्रक्रिया सामान्य कर दी गई है. किराए की संरचना में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है.
ट्रेनों के रास्ता भटकने और यात्रा में 10-10 दिन लगने के सवाल पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा, किसी भी ट्रेन को पहुंचने में 9 दिन नहीं लगे हैं. कोई भी ट्रेन अपने रास्ते से नहीं भटकी है. जो खबरें चल रही हैं फेक न्यूज हैं. 1 मई से 19 के बीच और 25 मई से 28 के बीच कोई भी ट्रेन डायवर्ट नहीं हुई है. 20 मई से 24 के बीच राज्यों से अधिक ट्रेनों की मांग के चलते कुछ ट्रेनों का रुट डायवर्ट किया गया था.
अभी तक कुल 3,840 ट्रेनें चलाई गई हैं. इनमें से सिर्फ 71 ही डायवर्ट हुई हैं. वहीं सिर्फ 4 ट्रेनों ने 72 घंटे से ज्यादा का समय लिया है. ये सभी ट्रेने नॉर्थ ईस्ट जा रही थीं. असम में भूस्खलन के कारण ट्रेनों को 12 घंटे रोकना पड़ा. 3500 सामान्य एक्सप्रेस ट्रेनें अपनी तय स्पीड से पहुंची हैं. 10 प्रतिशत ट्रेनें ही ऐसी थीं जो 3 से 4 घंटे देरी से पहुंची हैं.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा, रेलवे पूरी तरह से तैयार है. जैसे ही राज्यों से इन्हें चलाने की अनुमति मिलेगी ट्रेनों को चला दिया जाएगा. अभी तक करीब 80 फीसदी श्रमिक बिहार और यूपी गए हैं. जो भी श्रमिक जहां हैं वहीं रहें जैसे ही संबंधित राज्यों से मंजूरी मिलेगी ट्रेनें चला दी जाएंगी. ये ट्रेनें तब तक चलती रहेंगी जब तक प्रवासी मजदूर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच जाते. हमें जिस दिन राज्यों की ओर से डिमांड आती है उसी दिन हम ट्रेन को शेड्यूल कर देते हैं. अब ट्रेन के ओरिजिनेटिंग राज्य से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग में कमी हो रही है. 24 मई को 923 ट्रेनों की मांग थी लेकिन गुरुवार को यह 449 ट्रेनों की हो गई है. एक दिन में 279 तक ट्रेनें चलाई गईं हैं. किसी भी दिन 250 ट्रेनों से कम नहीं चलीं.
रेलवे ने यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि जो लोग गंभीर बीमारी से परेशान हैं. वो ट्रेन में यात्रा करने से बचें. गर्भवती महिलाएं और 10 साल से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग जरूरी नहीं हो तो यात्रा न करें.
रेलवे ने आगे कहा कि लोगों के भूख से मौत के सामाचार आ रहे हैं लेकिन यह सही नहीं है. ट्रेन यात्रा के दौरान महिला की मृत्यु हुई है उसकी जांच की जा रही है. रेलवे एक-एक केस की जांच में जुटा हुआ है. पूरी जांच के बाद ही मौतों का आंकड़ा दिया जा सकता है. खाना और पीने की निगरानी भी 24 घंटे की जा रही है.