scorecardresearch
Monday, 16 September, 2024
होमदेशराहुल की भारत को वैश्विक मंच पर नीचा दिखाने की मंशा: नायडू

राहुल की भारत को वैश्विक मंच पर नीचा दिखाने की मंशा: नायडू

Text Size:

नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री किंजरापू राममोहन नायडू ने कहा कि ‘‘भारत में हुनरमंद लोगों को दरकिनार’’ किए जाने संबंधी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अमेरिका में की गई टिप्पणी का उद्देश्य देश को वैश्विक मंच पर ‘‘नीचा दिखाना’’ था।

नायडू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि उन्हें ये आंकड़े कहां से मिलते हैं। देश में पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। हमें उन्हें उचित कौशल के जरिए जोड़ने की जरूरत है।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी तेदेपा के नेता ने कहा कि कौशल विकास एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी जी के नेतृत्व में हमने देश में रोजगार के अवसरों की संख्या में सुधार किया है।’’

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने डलास स्थित टेक्सास विश्वविद्यालय में रविवार को छात्रों से कहा कि भारत में कौशल की कोई कमी नहीं है लेकिन वहां हुनरमंद लोगों के लिए सम्मान नहीं है।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कांग्रेस के आधिकारिक अकाउंट पर राहुल गांधी के हवाले से लिखा गया, ‘‘क्या आपने एकलव्य की कहानी सुनी है? भारत में जो कुछ हो रहा है, अगर आप इसे समझना चाहते हैं तो यहां लाखों, करोड़ों एकलव्य की कहानियां आए दिन सामने आ रही हैं। हुनरमंद लोगों को दरकिनार किया जा रहा है, उन्हें काम करने या आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा है और यह हर जगह हो रहा है।’’

गांधी अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान वह डलास, टेक्सास और वाशिंगटन की यात्रा करेंगे और भारतीय मूल के लोगों एवं युवाओं से बातचीत करेंगे। सोमवार से शुरू हुई वाशिंगटन की अपनी यात्रा के दौरान उनकी अमेरिका के सांसदों और वहां की सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की भी योजना है।

गांधी ने भारत में उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा है कि वैश्विक उत्पादन में चीन का प्रभुत्व है इसलिए वह बेरोजगारी का सामना नहीं कर रहा जबकि भारत और अमेरिका समेत पश्चिमी देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पश्चिम और भारत ने ‘‘उत्पादन के विचार को त्याग दिया है’’ और उन्होंने इसे चीन को सौंप दिया है।

नायडू ने गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘वह दूसरे देशों में जाकर ऐसा क्यों कह रहे हैं कि भारत ऐसा करने में सक्षम नहीं है? उन्हें यहां की स्थिति सुधारने की कोशिश करनी चाहिए और अधिक लोगों को कुशल बनने के लिए प्रेरित करना चाहिए। वह देश को वैश्विक मंच पर नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

गांधी शनिवार रात को डलास पहुंचे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा एवं ‘इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस, यूएसए’ के अध्यक्ष मोहिंदर गिलजियान के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने उनका स्वागत किया।

गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षा प्रणाली को उद्यम प्रणाली से जोड़ने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस अंतर को पाटना या इन दो प्रणालियों, कौशल और शिक्षा को व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से जोड़ना महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि वर्तमान में शिक्षा प्रणाली के साथ सबसे बड़ी समस्या इस पर वैचारिक कब्जा है, जहां विचारधारा को इसके माध्यम से पोषित किया जा रहा है…।’’

गांधी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि अगर भारत उत्पादन की दिशा में आगे बढ़े और कौशल का सम्मान करना शुरू कर दे तो वह चीन का मुकाबला कर सकता है।

भाषा सिम्मी माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments