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Friday, 22 November, 2024
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वायनाड में चुनाव को लेकर CEC ने कहा- ट्रायल कोर्ट ने 30 दिन का मौका दिया है, हम इंतजार करेंगे

कुमार ने कहा, 'हमारे पास कोई सीट खाली होने के बाद वहां 6 महीने में चुनाव कराने का समय होता है. ट्रायल कोर्ट ने 30 दिन के न्यायिक उपाय का समय दिया है. इसलिए, हम इंतजार करेंगे.'

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नई दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें न्यायिक उपाय के लिए 30 दिन का मौका दिया है, और कहा कि आयोग वायनाड संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा से पहले वह इसका इंतजार करेगा.

कुमार ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमारे पास कोई सीट खाली होने के बाद वहां 6 महीने में चुनाव कराने का समय होता है. ट्रायल कोर्ट ने 30 दिन के न्यायिक उपाय का समय दिया है. इसलिए, हम इंतजार करेंगे.’

सूरत कोर्ट द्वारा राहुल गांधी की मोदी सरनेम पर टिप्पणी करने पर आपराधिक मानहानि मामले में उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद 24 मार्च को उनकी लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई है.

सीईसी ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने को लेकर पूछे जाने पर कहा कि कमीशन इसकी समीक्षा कर रहा है.

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर पूछे जाने पर सीईसी ने कहा कि आयोग वहां ‘वैक्यूम’ को भरे जाने को लेकर सचेत है.

उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में एसएसआर (विशेष सारांश पुनरीक्षण) 1 अक्टूबर को किया गया था. एसएसआर पूरे देश में 1 जनवरी की कट-ऑफ तारीख के साथ किया जाता है. हमने इसे वहां किया क्योंकि हम इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते थे. हमें पता है कि वहां एक खालीपन है जिसे भरा जाना है.

इससे पहले, सीईसी ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों की तारीखों ऐलान किया. उन्होंने कहा कि वहां एक चरण में 10 मई को मतदान होगा. वोटों की गिनती 13 मई को होगी.

मतदाताओं के आंकड़ों का ब्यौरा देते हुए सीईसी ने कहा कि राज्य में 5.21 करोड़ मतदाता हैं, 100 प्लस वाले मतदाताओं की संख्या 16,976 है.

उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में 58,000 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. कुमार ने कहा कि वहां कुल 224 विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमें 36 सीटें एससी के लिए और 15 एसटी के लिए आरक्षित हैं. राज्य में कुल मतदाता 5,21,73,579 करोड़ हैं जिनमें पुरुष 2.62 करोड़ और महिलाएं 2.59 करोड़ हैं. 80 प्लस मतदाताओं की संख्या 12.15 लाख है. इसमें 2018 से 32 फीसदी का इजाफा हुआ है. विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) की संख्या बढ़कर 5.55 लाख हो गई है. यह लगभग 150 प्रतिशत की वृद्धि है.

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में 2018-19 के मुकाबले पहली बार वोट डालने वालों की संख्या में 9.17 लाख की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा, ‘1 अप्रैल तक 18 साल के हो रहे सभी युवा मतदाता कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदान कर सकेंगे.’

सीईसी ने राज्य में चिन्हित संवेदनशील बूथों के लिए सुरक्षा उपाय भी निर्धारित किए.

उन्होंने बताया कि, ‘कर्नाटक में 58,282 मतदान केंद्र हैं जिनमें से 20,866 शहरी हैं. प्रति मतदान केंद्र पर मतदाताओं की औसत संख्या 883 है. सभी संवेदनशील बूथ जिनकी पहचान की गई है, हम 4 से 5 उपाय अपनाएंगे. या तो सीएपीएफ होगा, या वेब-कास्टिंग या माइक्रो-ऑब्जर्वर. इन सभी के साथ हम संवेदनशील बूथों पर अधिक सख्ती और सतर्कता बरतेंगे.’

कुमार ने कहा, ‘240 मॉडल मतदान केंद्र होंगे जो पर्यावरण के अनुकूल और हरित बूथ होंगे. 100 बूथों को पूरी तरह से विकलांग व्यक्तियों द्वारा प्रबंधित किया जाएगा.’


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