scorecardresearch
Friday, 20 December, 2024
होमदेश'कौन कहता है ये अच्छे दिन हैं', राहुल ने रेलवे परीक्षा का विरोध कर रहे छात्रों का किया समर्थन

‘कौन कहता है ये अच्छे दिन हैं’, राहुल ने रेलवे परीक्षा का विरोध कर रहे छात्रों का किया समर्थन

राहुल गांधी ने जो वीडियो साझा किया है, उसमें एक युवक यह कह रहा है कि उसकी मां बीमार होने के बावजूद दवा नहीं लेतीं ताकि वह उसके लिए महीने का खर्च भेज सकें.

Text Size:

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रेलवे भर्ती बोर्ड-एनटीपीसी परीक्षा के नियमों एवं परिणाम को लेकर विरोध कर रहे युवाओं का शुक्रवार को समर्थन किया और सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि कौन कहता है कि ये अच्छे दिन हैं.

उन्होंने एक युवक का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘छात्रों की बात सटीक है. उनके दर्द सच्चे हैं. कौन कहता है ये दिन अच्छे हैं?’

राहुल गांधी ने जो वीडियो साझा किया है, उसमें एक युवक यह कह रहा है कि उसकी मां बीमार होने के बावजूद दवा नहीं लेतीं ताकि वह उसके लिए महीने का खर्च भेज सकें.

उधर, कांग्रेस की युवा इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बिहार एवं उत्तर प्रदेश में आंदोलनकारी युवकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया.

इस मौके पर भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने आरोप लगाया, ‘नरेंद्र मोदी सरकार युवाओं पर सिर्फ इसलिए अत्याचार कर रही है, क्योंकि वे नौकरी मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि वह लाठी के दम पर युवाओं की आवाज नहीं दबा सकती.’

उन्होंने कहा कि सरकार को छात्रों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने चाहिए और संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

गौरतलब है कि देश के विभिन्न हिस्सों से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा प्रदर्शन की खबर के बाद रेल मंत्रालय ने बुधवार को गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) और स्तर 2 परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था.

उम्मीदवार दो चरणों में परीक्षा आयोजित करने संबंधी रेलवे के फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि अंतिम चयन के लिए दूसरा चरण उन लोगों को ‘धोखा देने’ के समान है, जो कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) के लिए आरआरबी-एनटीपीसी के पहले चरण में उपस्थित हुए और उत्तीर्ण हुए.

लगभग 1.25 करोड़ उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था, जिसमें स्तर दो से स्तर छह तक 35,000 से अधिक पदों का विज्ञापन दिया गया था.

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments