नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रमोशन में आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मसले पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा आरक्षण के खिलाफ है. वह किसी ना किसी तरह से आरक्षण को हिंदुस्तान के संविधान से निकलना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं होने देगी. मोदी जी या मोहन भागवत कितने ही सपने देख लें, हम आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे.’
प्रमोशन में आरक्षण पर सरकार दोनों सदनों में अपना जवाब भी देगी. केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि इस मामले में सरकार अपना जवाब देगी.
वहीं लोकसभा में इस मसले को लेकर विपक्ष समेत कई दलों ने सदन में हंगामा किया.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दोबारा सदस्यों से आग्रह किया कि वे सदन की कार्यवाही को बाधित न करें. सरकार की ओर से केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री सदन में सरकार की तरफ बयान देंगे. इसकी प्रतीक्षा करनी चाहिए. अगर सरकार के बयान से विपक्षी दल सहमत नहीं हों तो लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति के बाद इस विषय पर चर्चा भी हो सकेगी लेकिन सदस्यों को सरकार के बयान के लिए धैर्य रखना चाहिए.
Rahul Gandhi: BJP & RSS's ideology is against reservations. They never want SC/STs to progress. They're breaking the institutional structure. I want to tell SC/ST/OBC&Dalits that we'll never let reservations come to an end no matter how much Modi Ji or Mohan Bhagwat dream of it. pic.twitter.com/eyCLigBa8q
— ANI (@ANI) February 10, 2020
राहुल ने कहा कि आरएसएस का एससी/एसटी सब प्लान और दिल्ली में रविदास मंदिर को तोड़ना इसी का एक हिस्सा था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान पर हमला हो रहा है. हर संस्था को तोड़ा जा रहा है. मुझे संसद में बोलने भी नहीं दिया जा रहा है. न्यायपालिका पर दबाव बनाया जा रहा है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण का दावा करना मौलिक अधिकार नहीं है. अदालत राज्यों की सरकारों को एससी और एसटी के लोगों के लिए आरक्षण देने के लिए निर्देश जारी नहीं कर सकती. आरक्षण देने का अधिकार राज्य सरकारों पर निर्भर है.
लोक जनशक्ति पार्टी उच्चतम न्यायालय के इस फ़ैसले से सहमत नहीं है यह निर्णय पूना पैक्ट समझौते के खिलाफ़ है।
पार्टी भारत सरकार से माँग करती है कि तत्काल इस संबंध में क़दम उठाकर आरक्षण / पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था जिस तरीक़े से चल रही है उसी तरीक़े से चलने दिया जाए।— Chirag Paswan (@ichiragpaswan) February 9, 2020
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 फ़रवरी 2020 को दिए गए निर्णय जिसमें उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरी/पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है।
— Chirag Paswan (@ichiragpaswan) February 9, 2020
वहीं इस मामले में सरकार की सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी भी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट फैसले पर नाराजगी जता चुकी है. पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने ट्वीट किया था कि लोक जनशक्ति पार्टी उच्चतम न्यायालय के इस फ़ैसले से सहमत नहीं है. यह निर्णय पूना पैक्ट समझौते के खिलाफ़ है.