नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को धन शोधन के आरोपों का सामना कर रहे मीडिया कारोबारी राघव बहल और उनकी पत्नी को लंदन जाने की अनुमति दी। साल 2021 में हुई एक सर्जरी के बाद चिकित्सीय जांच के सिलसिले में उन्हें लंदन जाना है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता और उनकी पत्नी अपने ‘नियुक्ति’ की पुष्टि के तुरंत बाद एक शपथ पत्र देंगे कि वे प्रस्थान की तारीख से दो सप्ताह के भीतर भारत लौट आएंगे।
पीठ ने कहा कि बहल और उनकी पत्नी शपथ पत्र की एक प्रति, यात्रा कार्यक्रम और चिकित्सीय जांच के लिये ‘अप्वाइंटमेंट’ कार्यक्रम संबंधी ई-मेल की प्रति दाखिल करेंगे।
पीठ ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार की एजेंसियां उपरोक्त निर्देशों को संप्रेषित करने के लिए कदम उठाएंगी, विशेष रूप से, लुकआउट सर्कुलर के संदर्भ में ताकि याचिकाकर्ता और उनकी पत्नी दो सप्ताह की अवधि के लिए ब्रिटेन की यात्रा कर सकें। याचिकाकर्ता और उनकी पत्नी को उपरोक्त शर्तों पर दो सप्ताह की अवधि के लिए ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति है।’’
पीठ ने कहा कि दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने वाला उसका अंतरिम आदेश मामले को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किये जाने की अगली तारीख तक लागू रहेगा।
इससे पहले, केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राघव बहल और उनकी पत्नी रितु कपूर के दो सप्ताह के लिए लंदन जाने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है।
शुरुआत में, वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि 2021 में हुई एक सर्जरी के बाद, याचिकाकर्ता की पत्नी ने 5 मार्च, 2022 से 12-13 मार्च, 2022 तक लंदन में चिकित्सीय स्थिति के संबंध में ‘अप्वाइंटमेंट’ लिया था।
उन्होंने कहा कि चूंकि यह अवधि बीत चुकी है, इसलिए संभावना है कि अप्रैल 2022 में फिर से ‘अप्वाइंटमेंट’ मिले।
दीवान ने कहा कि याचिकाकर्ता और उनकी पत्नी को ‘अप्वाइंटमेंट’ की निर्धारित तिथि से कम से कम तीन दिन पहले दो सप्ताह के लिए ब्रिटेन जाने की अनुमति दी जा सकती है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 15 दिसंबर को बहल को उनके खिलाफ दर्ज धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की थी।
भाषा दिलीप माधव
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