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Saturday, 18 May, 2024
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वायु सेना में शामिल हुआ राफेल, राजनाथ सिंह ने कहा- सीमा पर मौजूदा हालात के बीच ये बेहद अहम है

पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई को भारत पहुंचा था. इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे 36 विमानों की खरीद के लिए अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

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नई दिल्ली: पांच राफेल लड़ाकू विमानों को बृहस्पितवार को अंबाला हवाई ठिकाने पर हुए शानदार समारोह में भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया. यह भारत की वायु शक्ति की क्षमता को ऐसे समय में बढ़ावा दे रहा है जब देश पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत और एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया समेत कई अन्य पदाधिकारी इस समारोह में शामिल हुए.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वायुसेना में राफेल का शामिल होना एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है. राफेल का भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होना भारत और फ्रांस के बीच के प्रगाढ़ संबंधों को भी दर्शाता है. भारत और फ्रांस लंबे समय से आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, रणनीतिक साझेदार रहे हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज राफेल का इंडक्शन पूरी दुनिया, खासकर हमारी संप्रभुता की ओर उठी निगाहों के लिए एक बड़ा और कड़ा संदेश है. हमारी सीमाओं पर जिस तरह का माहौल हाल के दिनों में बना या बनाया गया है उनके लिहाज से ये इंडक्शन बहुत ही अहम है.

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फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने कहा कि आज हमारे देशों के लिए एक उपलब्धि है. साथ में हम भारत-फ्रांस रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं.

भारतीय वायु सेना के 17वें स्क्वाड्रन में राफेल विमानों को शामिल किए जाने के इस समारोह में पारंपरिक ‘सर्व धर्म पूजा’, पानी की बौछारों से विमानों को सलामी देने के साथ ही विमान द्वारा कई दिल थाम देने वाले करतब दिखाए गए.

भारतीय वायु सेना ने एक ट्वीट कर इस नये विमान का अपने शस्त्रागार में स्वागत किया.

फ्रांस की एरोस्पेस क्षेत्र की दिग्गज कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित बहु भूमिका वाले राफेल विमानों को हवाई श्रेष्ठता और सटीक निशानों के लिए जाना जाता है.


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गेम चेंजर

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा की मजबूती के पीछे हमारा उद्देश्य हमेशा से विश्व शांति की कामना रहा है और आज भी है. इस राह में हमारा देश कोई भी ऐसा कदम न उठाने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे कहीं भी शांति भंग हो. ये ही अपेक्षा हम अपने पड़ोसी और दुनिया के बाकी देशों से भी करते हैं.

उन्होंने कहा कि ये अपनी सीमा सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का भी एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है.

उन्होंने कहा कि हमारे मित्र देश फ्रांस के साथ राफेल डील भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में एक गेम चेंजर है. इसका लॉन्ग रेंज ऑपरेशन, अपने वजन के बराबर सामान और अतिरिक्त फ्यूल रखने की क्षमता और तेज स्पीड जैसी खूबियां इसे बेस्ट एयरक्राफ्ट में से एक बनाती हैं.

पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई को भारत पहुंचा था. इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे 36 विमानों की खरीद के लिए अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)


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