देहरादून, 23 मार्च (भाषा) पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को एक भव्य समारोह में लगातार दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर प्रदेश की राजनीति में नया इतिहास रचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय कैबिनेट के कई मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।
देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित एक शानदार समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने 46 वर्षीय धामी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और प्रदेश के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी सहित कई केंद्रीय नेता मौजूद थे।
इनके अलावा, उत्तर प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गोवा के मनोनीत मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी समारोह में उपस्थित थे।
समारोह में बड़ी संख्या में साधु-संतों की उपस्थिति ने भी सबका ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया। उनके लिए अलग से बनाए गए मंच पर जाकर धामी ने उनके पैर छुए और उनका आशीर्वाद लिया।
उत्साहित भाजपा कार्यकर्ताओं की जबरदस्त नारेबाजी के बीच संपन्न समारोह में धामी के साथ आठ कैबिनेट मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली जिसमें से पांच—सतपाल महाराज, गणेश जोशी, धनसिंह रावत, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य भाजपा नीत पूर्ववर्ती सरकारों का भी हिस्सा रहे हैं।
धामी मंत्रिमंडल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल सहित तीन नए चेहरों को भी जगह दी गयी है। मंत्रिमंडल में स्थान पाने वाले दो अन्य नए चेहरे सौरभ बहुगुणा और चंदन रामदास हैं। सौरभ पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र हैं।
हालांकि, धामी के नये मंत्रिमंडल में पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, विशन सिंह चुफाल, बंशीधर भगत और अरविंद पाण्डेय को जगह नहीं मिली है। कौशिक फिलहाल प्रदेश पार्टी अध्यक्ष हैं।
मंत्रिमंडल में तीन स्थान रिक्त छोड़कर धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का अनुकरण किया है जिन्होंने पिछले साल अपने कार्यकाल की समाप्ति तक उन्हें नहीं भरा था। उत्तराखंड के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 सदस्य हो सकते हैं।
प्रदेश की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के 10 मार्च को घोषित परिणामों में भाजपा ने 47 सीटों पर जीत हासिल कर दो-तिहाई से अधिक बहुमत के साथ प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्तासीन होने का इतिहास रचा है।
हालांकि, ‘उत्तराखंड फिर मांगे, मोदी-धामी की सरकार’ नारे के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने वाली भाजपा की अगुवाई करने वाले धामी स्वयं अपनी सीट खटीमा से हार गए, इसके बावजूद पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने राज्य में सत्ता की बागडोर उन्हें थमा कर अपना भरोसा जताया है।
प्रदेश में भाजपा के साथ ही धामी ने भी लगातार दूसरे कार्यकाल की बागडोर संभाल कर इतिहास रचा है। प्रदेश के गठन के दो दशक से भी अधिक समय में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरी बार पद की शपथ ली है।
पद की शपथ लेने से पहले मुख्यमंत्री ने यहां टपकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद वह यहां के रेसकोर्स स्थित गुरुद्वारे गए जहां उन्होंने मत्था टेका एवं अरदास की।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए रवाना होने से पहले धामी ने मुख्यमंत्री आवास में ‘शहीद दिवस’ के अवसर पर अमर शहीद सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
भाषा दीप्ति अर्पणा
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