चंडीगढ़, 13 फरवरी (भाषा) पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सोमवार को एक सरकारी नियुक्ति और विदेश यात्रा के लिए सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के चयन पर सवाल उठाया, जिसपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार केवल पंजाबियों के प्रति जवाबदेह है, न कि केंद्र द्वारा नियुक्त राज्यपाल के प्रति।
विवाद उस समय शुरू हुआ, जब पुरोहित ने मान को लिखे पत्र में एक प्रशिक्षण संगोष्ठी के लिए सिंगापुर भेजे गए सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के चयन का विस्तृत ब्योरा मांगा और कहा कि उन्हें इस संबंध में ‘‘कदाचार और अवैधता’’ की शिकायतें मिली हैं।
राज्यपाल ने गुरिंदरजीत सिंह जावंदा को पंजाब सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी निगम का अध्यक्ष नियुक्त करने पर भी सवाल उठाया और रेखांकित किया कि उनका नाम अपहरण और संपत्ति हड़पने के मामलों में आया था।
मान नीत आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने सरकारी स्कूलों के 36 प्रधानाचार्यों को छह से 10 फरवरी के बीच सिंगापुर में पेशेवर शिक्षक प्रशिक्षण संगोष्ठी में हिस्सा लेने के लिए भेजा था।
पुरोहित ने अपने पत्र में कहा, ‘‘मुझे सिंगापुर प्रशिक्षण के लिए भेजने के वास्ते प्रधानाचार्यों के चयन के संबंध में शिकायतें मिली हैं। शिकायतों में इन प्रधानाचार्यों के चयन में कुछ कदाचार और अवैधताओं की ओर इशारा किया गया है। आरोप है कि प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैं अनुरोध करता हूं कि आप चयन प्रक्रिया के मानदंड और अन्य जानकारी मुझे भेजें। कृपया मुझे यह भी जानकारी दें कि क्या इस संबंध में विस्तृत जानकारी पूरे पंजाब में प्रकाशित की गई। खबरों के मुताबिक, पहला बैच वापस आ गया है, कृपया बताएं कि प्रशिक्षण पर भेजने के लिए उनकी यात्रा, रहने-खाने और अन्य मदों में कुल कितना खर्च आया।’’
पुरोहित ने मान से कहा कि वह एक पखवाड़े के भीतर पत्र का जवाब दें, अन्यथा वह आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी सलाह लेंगे।
पत्र का तुरंत जवाब देते हुए मान ने ट्वीट किया कि उनकी सरकार केवल तीन करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह है, न कि केंद्र द्वारा नियुक्त राज्यपाल के प्रति।
उन्होंने पंजाबी में ट्वीट किया,‘‘ इसे मेरा जवाब मानें।’’
भाषा धीरज दिलीप
दिलीप
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