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Friday, 15 November, 2024
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पीटीआई तथ्यान्वेषण : इंडिया गेट में प्रस्तावित बोस की प्रतिमा पहली नहीं, दिल्ली ने नेताजी की विरासत को रखा है जिंदा

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(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) इंडिया गेट के सामने छतरी में स्थापित की जाने वाली सुभाष चंद्र बोस की एक प्रतिमा भारत की राजधानी में उनकी पहली मूर्ति नहीं होगी, जैसा कि सोशल मीडिया में व्यापक रूप से दावा किया गया है।

वास्तव में, दिल्ली में स्वतंत्रता सेनानी के कई धातु और कांस्य के प्रतिरूप हैं और कई सड़कों व उद्यान के नाम भी उनके नाम पर रखे गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी में बोस की 125वीं वर्षगांठ से पहले कहा था कि नेताजी (सुभाष चंद्र बोस) की “भव्य प्रतिमा” को उनके प्रति भारत की “कृतज्ञता” के प्रतीक के रूप में छतरी में स्थापित किया जाएगा।

इस घोषणा के तुरंत बाद एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक सहित कई तरफ से यह दावा किया जाने लगा कि यह दिल्ली की पहली नेताजी की प्रतिमा होगी।

घोषणा के लगभग दो महीने बाद भी सोशल मीडिया मंचों और अन्य जगहों, विशेष रूप से ब्रिटिश युग के इतिहास और विरासत पर केंद्रित समूहों में चर्चा जारी है। तथ्य यह है कि दिल्ली में नेताजी की कम से कम दो मूर्तियों पहले से हैं – नेताजी और उनकी भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) के साथियों की एक प्रतिमा लाल किले के पास सुभाष पार्क में और दूसरी संसद भवन में है।

सुभाष पार्क में पांच टन की प्रतिमा का अनावरण 23 जनवरी 1975 को तत्कालीन उपराष्ट्रपति बी डी जट्टी द्वारा बोस की जयंती पर किया गया था। मूर्ति को कलाकार सदाशिव साठे ने बनाया था। सुभाष पार्क का नाम पहले किंग एडवर्ड सप्तम के नाम पर एडवर्ड पार्क रखा गया था।

नेताजी की दूसरी प्रतिमा संसद भवन परिसर में है। इसका अनावरण तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने 1997 में भारत की स्वतंत्रता के 50वें वर्ष में 23 जनवरी को किया था।

राज्यसभा की वेबसाइट के मुताबिक, “गेट नंबर 5 और सेंट्रल हॉल के बीच, संसद भवन में प्रधानमंत्री कार्यालय के पास, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक शानदार कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है, जो हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के उत्कृष्ट नेताओं में से एक है और सर्वोत्कृष्ट क्रांतिकारी थे।”

कार्तिक चंद्र पॉल द्वारा बनाई गई इस प्रतिमा को पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से दिया गया था।

इतिहासकार स्वप्न लिडल के अनुसार, नेताजी नगर, सुभाष नगर, नेताजी सुभाष प्लेस और नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनएसआईटी) सहित कई क्षेत्रों में नेताजी की विरासत को शहर में वर्षों से याद किया जाता रहा है।

दिल्ली मेट्रो की ‘रेड लाइन’ पर एक स्टेशन का नाम भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर है। उत्तरपश्चिम दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में नेताजी सुभाष प्लेस वाणिज्यिक स्थल पर बोस की एक आवक्ष प्रतिमा भी लगी हुई है।

एनएसआईटी की वेबसाइट के मुताबिक संस्था के परिसर में भी बोस की एक मूर्ति है।

भाषा

प्रशांत उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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