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कोलकाता, 23 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नौकरी गंवाने के विरोध में राज्य स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) मुख्यालय की घेराबंदी कर रहे शिक्षकों के एक वर्ग ने बुधवार को सुबह एसएससी अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार को 40 घंटे बाद उनके कार्यालय से बाहर जाने की अनुमति दी।
मजूमदार को 2016 एसएससी भर्ती परीक्षा की ‘ओएमआर शीट’ (ऑप्टिकल मार्क रेकग्निशन शीट) पेश करने से संबंधित सुनवाई के सिलसिले में बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में पेश होना है।
प्रदर्शनकारियों ने 21 अप्रैल को अपराह्न दो बजे प्रदर्शन शुरू किया था। उन्होंने कहा कि उनका धरना जारी रहेगा।
‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में मजूमदार ने कहा कि वह घर लौट आए हैं और कुछ समय आराम करेंगे, फिर वह निर्धारित समय के अनुसार अदालती कार्यवाही में शामिल होंगे।
‘डिजर्विंग टीचर्स फोरम’ से जुड़े एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मजूमदार को इसलिए जाने दिया गया क्योंकि उन्हें अदालत में पेश होना था और साथ ही स्वास्थ्य कारणों के चलते भी उन्हें कुछ राहत दी गई।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा धरना जारी रहेगा… अदालत की कार्यवाही के बाद मजूमदार के अपने कार्यालय लौटने पर उनका फिर से घेराव किया जाएगा।’’
कलकत्ता उच्च न्यायालय बुधवार को पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें दावा किया गया है कि विभाग ने 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की ‘ओएमआर शीट’ अपलोड नहीं की है, जो उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अपनी नौकरी खो चुके हैं।
नौकरी गंवा चुके लगभग 2,000 शिक्षकों ने 21 अप्रैल को एसएससी मुख्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। आयोग ने इसी दिन 2016 की परीक्षाओं के लिए दागी और योग्य उम्मीदवारों की सूची अपलोड करने का वादा किया था, लेकिन कानूनी मुद्दों का हवाला देते हुए ऐसा नहीं कर सका।
शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को एसएससी अध्यक्ष से मुलाकात की और चर्चा की। बैठक को उन्होंने ‘‘आंशिक रूप से संतोषजनक’’ बताया।
बैठक के बाद ‘डिजर्विंग टीचर्स फोरम’ के प्रवक्ता चिन्मय मंडल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम 17,206 शिक्षकों की सूची से आंशिक रूप से संतुष्ट हैं, जिनमें से 15,403 एसएससी द्वारा पात्र घोषित किए गए हैं।’’
उच्चतम न्यायालय द्वारा 2016 की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाए जाने और उत्तीर्ण घोषित किए सभी उम्मीदवारों की उम्मीदवारी तीन अप्रैल को रद्द कर दिए जाने के बाद राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के कुल 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
उच्चतम न्यायालय ने 17 अप्रैल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा बेदाग पाए गए बर्खास्त शिक्षकों की सेवाओं को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया।
भाषा सुरभि मनीषा
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