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Friday, 22 November, 2024
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मूत्र पीने के लिए विवश किए गए दलित की मौत के बाद संगरूर जिले में प्रदर्शन

प्रदर्शन के बीच परिवार ने पीड़ित की पत्नी को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने तक पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया.

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संगरूर (पंजाब): निर्ममतापूर्वक पिटाई और मूत्र पीने के लिए विवश किए गए 37 वर्षीय दलित की मौत के बाद पंजाब के संगरूर जिले में कुछ दलित संगठनों, सामाजिक संगठनों और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कार्यकर्ताओं ने रविवार को प्रदर्शन किया. लेहरा-सूनाम रोड को अवरूद्ध करते हुए प्रदर्शनकारियों ने मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी और उनके परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की.

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘परिवार को न्याय मिलना चाहिए. इस अपराध के गुनहगारों को फांसी देनी चाहिए. पंजाब सरकार को पीड़ित की पत्नी को नौकरी और परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देना चाहिए.’ प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे आम आदमी पार्टी (आम) के सूनाम के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि परिवार को न्याय मिलना चाहिए और सरकार को उनकी मांगें पूरी करनी चाहिए.

अपराध के मामले में चार लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. परिवार ने पीड़ित की पत्नी को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने तक पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. दलित व्यक्ति के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियों सहित तीन बच्चे हैं. उनकी पत्नी ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार की तरफ से अभी तक संपर्क नहीं किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘हमारी मांग है कि आरोपियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो दूसरों के लिए उदाहरण हो. सरकार हमें लिखित में आश्वासन दे कि वे मुझे नौकरी और परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देंगे.’ दलित व्यक्ति की मौत पर शोक प्रकट करते हुए पंजाब के मंत्री और संगरूर के विधायक विजय इंद्र सिंगला ने कहा, ‘जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था. हम परिवार के साथ खड़े हैं. आरोपियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो दूसरों के लिए उदाहरण बने.’

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और आप विधायक हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि परिवार को समुचित मुआवजा मिलना चाहिए और उन्हें पुलिस सुरक्षा देनी चाहिए. आप के संगरूर के सांसद भगवंत मान ने कहा कि सभ्य समाज में ऐसी घटनाएं शर्मनाक हैं. उन्होंने आरोपियों को कठोर सजा देने की मांग की. चंगालिवाला गांव के निवासी पीड़ित की 21 अक्टूबर को रिंकू और कुछ अन्य लोगों के साथ किसी मुद्दे पर बहस हो गयी थी. ग्रामीणों के हस्तक्षेप से मामला सुलझा लिया गया था.

पीड़ित ने पुलिस को बताया था कि सात नवंबर को रिंकू ने उन्हें अपने घर बुलाया था जहां दोनों के बीच घटना पर बात हुई. उन्होंने आरोप लगाया था कि चार लोगों ने एक खंभे में बांधकर लाठियों और लोहे की छड़ों से उसके साथ निर्ममतापूर्वक मारपीट की और जब उसने पानी मांगा तो उसे जबरन मूत्र पिला दिया. घटना के बाद, विपक्षी दलों ने राज्य में दलितों के साथ ‘बर्बर सलूक’ पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था.

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