scorecardresearch
Monday, 25 November, 2024
होमदेशदिल्ली रिज का संरक्षण: एनजीटी ने निरीक्षण समिति के सदस्यों को नोटिस जारी किया

दिल्ली रिज का संरक्षण: एनजीटी ने निरीक्षण समिति के सदस्यों को नोटिस जारी किया

Text Size:

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली में रिज क्षेत्र की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रगति की निगरानी के लिए पूर्व में गठित समिति के सदस्यों से जवाब मांगा है।

रिज दिल्ली में अरावली पर्वत श्रृंखला का विस्तार है और यह एक चट्टानी, पहाड़ी और वन क्षेत्र है। प्रशासनिक कारणों से इसे चार क्षेत्रों – दक्षिण, दक्षिण-मध्य, मध्य और उत्तर – में विभाजित किया गया है। ये क्षेत्र लगभग 7,784 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैले हैं।

अधिकरण ने रिज से अतिक्रमण हटाने, बाड़ लगाकर क्षेत्र की सुरक्षा करने और इसकी बहाली के लिए प्रबंधन योजना तैयार करने की प्रगति की निगरानी के लिए जनवरी 2021 में निरीक्षण समिति (ओसी) का गठन किया था।

समिति में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वन महानिदेशक, संबंधित क्षेत्रों के उपायुक्त तथा दिल्ली पुलिस आयुक्त एवं भारतीय वन सर्वेक्षण के प्रतिनिधि शामिल थे।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 20 नवंबर को मामले में न्यायमित्र की दलीलों पर गौर किया, जिसके अनुसार दिल्ली सरकार ने अधिसूचना जारी करने के अधिकरण के निर्देश का पालन नहीं किया।

हरित अधिकरण ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह तीन महीने के भीतर रिज के उन क्षेत्रों को आरक्षित वन के रूप में अधिसूचित करे, जिन्हें सरकार रिज का हिस्सा मानती है या उसे इसकी जानकारी है।

पिछले आदेश में कहा गया था: “जिस भूमि के बारे में स्पष्टता है, उसे ऐसी अधिसूचना में शामिल किया जा सकता है और शेष प्रक्रिया अलग से लेकिन शीघ्रता से की जा सकती है। रिज क्षेत्र में कोई भी गैर-वन गतिविधि स्वीकार्य नहीं है।”

पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल भी शामिल थे। उसने न्यायमित्र की इस दलील पर गौर किया कि समिति ने अतिक्रमण हटाने के कदमों की निगरानी के संबंध में अधिकरण के पहले के निर्देशों का पालन नहीं किया और हर महीने बैठक आयोजित नहीं की।

एनजीटी ने कहा, “ समिति के सदस्यों को नोटिस जारी किया जाए… समिति को निर्देश दिया जाता है कि वह सुनवाई की अगली तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले रिपोर्ट दाखिल करे, जिसमें अधिकरण के आदेश के तहत की गई कार्रवाई का विस्तार से खुलासा किया जाए।”

मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को तय की गई है।

भाषा नोमान प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments