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मंगलवार, 13 मई, 2025
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संपत्ति की वापसी: रोज वैली के 7,000 से अधिक ‘धोखाधड़ी’ पीड़ितों को पैसे मिले

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नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) चिटफंड कंपनी ‘रोज वैली’ में कथित धोखाधड़ी के शिकार निवेशकों को धन वापस करने की प्रक्रिया आखिरकार शुरू हो गई है। इस प्रक्रिया के तहत 7,000 से अधिक लोगों को 10,200 रुपये प्रति व्यक्ति मिले हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में कहा कि संपत्ति निस्तारण समिति (एडीसी) ने बृहस्पतिवार को कोलकाता में लोगों के पहले समूह को राशि सौंप दी।

संघीय जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘लंबे समय से प्रतीक्षित वापसी प्रक्रिया का पहला चरण शुरू हो गया है, जिसमें 7,346 जमाकर्ताओं को प्रति दावेदार 10,200 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से धन वापस किया गया है। इस प्रकार बांटी गयी कुल राशि 5.12 करोड़ रुपये है।’’

धोखाधड़ी के शिकार निवेशकों और पोंजी, चिटफंड और फर्जी निवेश योजनाओं के पीड़ितों को धन लौटाने का कदम अगस्त में कोलकाता में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत द्वारा आदेश दिए जाने के बाद उठाया गया, जिससे एडीसी को 19.40 करोड़ रुपये जारी करने में मदद मिली। यह ‘व्यवस्थित पुनर्भुगतान योजना’ की शुरुआत थी।

इस मामले में कुल 28.10 लाख दावे दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 31,352 दावों पर कार्रवाई की गई है तथा 7,346 जमाकर्ताओं को अब धन प्राप्त हो चुका है।

ईडी ने कहा कि धोखाधड़ी के शिकार निवेशकों को धन वितरित करने या वापस करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जहां एडीसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति दिलीप कुमार सेठ (सेवानिवृत्त) ने एडीसी और ईडी के बीच निरंतर सहयोग की प्रशंसा की थी। एडीसी अध्यक्ष ने रोज वैली समूह की संपत्तियों की पहचान करने और उन्हें जब्त करने में ईडी की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया था।’

ईडी ने धनशोधन-रोधी कानून के तहत की गई इस जांच के अंतर्गत पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और त्रिपुरा तथा पश्चिम बंगाल में फैली 494 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 1,069 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की है।

इसने 2014 में रोज वैली समूह, इसके अध्यक्ष गौतम कुंडू और अन्य के खिलाफ पीएमएलए का मामला दर्ज किया था। मामले की सुनवाई अभी जारी है।

ईडी ने कुंडू को मार्च 2015 में गिरफ्तार किया था और वह न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।

ईडी ने पहले कहा था, ‘‘रोज वैली समूह ने आम जनता से फर्जी और काल्पनिक योजनाएं चलाकर धन एकत्र किया और पुनर्भुगतान में चूक की।’

भाषा सुरेश अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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