रांची, 23 अगस्त (भाषा) झारखंड के रांची में करोड़ों रुपये की स्वास्थ्य परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर आदिवासी संगठनों के विरोध प्रदर्शन से एक दिन पहले प्रशासन ने शनिवार को निषेधाज्ञा लागू कर दी और राज्य की राजधानी के नगड़ी इलाके में सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध लगा दिया।
किसानों, भूमि मालिकों और 20 से अधिक आदिवासी समूहों ने रविवार को उस स्थल पर ‘हल जोतो, रोपा रोपो’ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है, जहां एक हजार करोड़ रुपये की रिम्स 2 अस्पताल परियोजना प्रस्तावित है।
राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य सुविधा केंद्र राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के विस्तार को रिम्स 2 नाम दिया गया है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने भी आंदोलन में शामिल होने की घोषणा की है।
रांची के अनुमंडल पदाधिकारी उत्कर्ष कुमार ने बताया कि नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 स्थल के 200 मीटर के दायरे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
रांची प्रशासन द्वारा शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘कांके के नगड़ी मौजा में प्रस्तावित रिम्स-2 स्थल के लिए सीमांकन और सुरक्षा बाड़ लगाने का काम पूरा हो गया है। यह समझा जा रहा है कि स्थल पर भीड़ जमा हो सकती है और कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा बाड़ वाले क्षेत्र में घुसकर कानून-व्यवस्था भंग करने की कोशिश की संभावना भी है।’’
निषेधाज्ञा के तहत निर्दिष्ट परिधि के भीतर सार्वजनिक सभाओं और पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त, हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और पारंपरिक हथियार जैसे लाठी, भाले, धनुष और तीर ले जाना प्रतिबंधित है तथा क्षेत्र में लाउडस्पीकर का उपयोग करना भी वर्जित है।
कुमार ने कहा कि ये दिशानिर्देश अगले दो महीनों के लिए प्रभावी होंगे।
सोरेन ने 19 अगस्त को संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि सरकार द्वारा जबरन भूमि अधिग्रहण किया गया है और क्षेत्र में सुरक्षा बाड़ लगाकर किसानों को अपनी जमीन पर खेती करने से रोका जा रहा है।
भाषा यासिर माधव
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