नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16-17 जून को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में हो रहे मुख्य सचिवों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान साझा विकास एजेंडे के क्रियान्वयन और आम जन की आकांक्षाओं को हासिल करने के लिए एक समेकित कार्रवाई का ब्लूप्रिंट तैयार करने पर चर्चा की जाएगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी।
पीएमओ के मुताबिक हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में होने वाले इस सम्मेलन में केंद्र सरकार, सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शिरकत करेंगे। कुल मिलाकर 200 से अधिक लोग इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
यह सम्मेलन राज्यों के साथ साझेदारी में तेज और टिकाऊ आर्थिक विकास पर केंद्रित होगा।
पीएमओ ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
पीएमओ ने कहा, ‘‘टीम इंडिया की भावना से यह सम्मेलन सतत उच्च विकास, रोजगार निर्माण, शिक्षा, जीवन की सुगमता और कृषि में आत्मनिर्भरता जैसे क्षेत्रों में सहयोगात्मक कार्रवाई की जमीन तैयार करेगा।’’
बयान में कहा गया कि इस सम्मेलन की अवधारणा और इसका एजेंडा छह महीने से अधिक समय तक 100 दौर की बातचीत के बाद तैयार किया गया है।
सम्मेलन में विस्तृत विचार-विमर्श के लिए तीन विषयों की पहचान की गई है। इनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन, शहरी शासन और फसल विविधीकरण तथा तिलहन, दलहन एवं अन्य कृषि-वस्तुओं में आत्मनिर्भरता शामिल हैं।
पीएमओ ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों पर विचार किया जाएगा तथा सम्मेलन में प्रत्येक विषय के तहत राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के सर्वोत्तम तौर-तरीकों को परस्पर सीखने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
इसमें आकांक्षी जिला कार्यक्रम पर भी एक सत्र होगा जिसमें अब तक की उपलब्धियों पर विचार किया जाएगा। इसमें इन विशिष्ट जिलों के जिलाधिकारियों द्वारा प्रस्तुत डेटा आधारित शासन सहित सफल केस स्टडीज शामिल होंगी।
पीएमओ के मुताबिक सम्मेलन के दौरान ‘आजादी का अमृत महोत्सव: 2047 का रोडमैप’ पर एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इसमें कारोबारी सुगमता के लिए अनुपालन बोझ को कम करने तथा छोटे अपराधों के गैर-अपराधीकरण, योजनाओं के अधिकतम कवरेज और अंतिम व्यक्ति तक वितरण सुनिश्चित करने के लिए केंद्र – राज्य समन्वय, पीएम गति शक्ति के माध्यम से भारत के बुनियादी ढांचे का बदलाव, और क्षमता निर्माण: आईजीओटी का कार्यान्वयन- मिशन कर्मयोगी पर चार अतिरिक्त विषयगत सत्र आयोजित किए जाएंगे।
इस सम्मेलन के जो भी नतीजे सामने आएंगे, उन पर नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में चर्चा की जाएगी, जिसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और संघ शासित क्षेत्रों के प्रशासक भी उपस्थित रहेंगे ताकि शीर्ष स्तर पर विस्तृत आम सहमति के बाद एक कार्य योजना तैयार की जा सके।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र वैभव
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