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Thursday, 19 September, 2024
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प्रधानमंत्री ओछी राजनीति से ऊपर उठें, भाजपा नेताओं की हरकतों की निंदा करेंः कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘‘ओछी राजनीति से ऊपर उठकर’’ अपने दल के उन नेताओ की हरकतों की निंदा करनी चाहिए जिन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ घृणित बयान दिए हैं।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे गए पत्र के जवाब में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख जेपी नड्डा को पत्र लिखकर यह दावा भी किया कि पूरा विश्व देख रहा है कि भाजपा किस तरह से राहुल गांधी की जान को खतरे में डाल रही है।

नड्डा ने पिछले दिनों खरगे की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र के जवाब में बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर दावा किया कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी राजनीति का ‘असफल उत्पाद’ (फेल्ड प्रोडक्ट) हैं और उन्हें महिमामंडित करना खरगे की मजबूरी है।

खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में मांग की थी कि प्रधानमंत्री को राहुल गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक और विवादित बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई करनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को ‘देश का सबसे बड़ा दुश्मन और आतंकवादी’ करार दिया था। इसके अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कुछ नेताओं ने भी राहुल गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं।

नड्डा के पत्र के कुछ घंटों के भीतर ही रमेश ने उन्हें जवाबी पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस बात से न सिर्फ आश्चर्यचकित है बल्कि चिंतित भी है कि खरगे द्वारा प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र आपके पास प्रतिक्रिया के लिए भेजा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा में विपक्ष के नेता की जान को खतरे जैसे गंभीर मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी बहुत परेशान करने वाली है।’’

रमेश ने पत्र में लिखा, ‘‘मल्लिकार्जुन खरगे के पत्र पर आपकी प्रतिक्रिया बचकानी और सतही है। यह राहुल गांधी के जीवन पर मंडरा रहे गंभीर खतरों से ध्यान भटकाने की शर्मनाक कोशिश है।’’

उनका कहना है, ‘‘जिस पार्टी के नेताओं ने इस देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है उस कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र देने से पहले, आपको अपनी पार्टी और उसकी विचारधारा पर गौर करना चाहिए। यह कभी मत भूलिए कि महात्मा गांधी की दुखद हत्या से बहुत पहले, आपके वैचारिक पूर्वजों ने बापू के खिलाफ हिंसा और नफरत का माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।’’

रमेश के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, और राजीव गांधी जैसे महान नेताओं के नेतृत्व में हमेशा भारत की एकता और अखंडता के लिए संघर्ष करती रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रतिबद्धता आज भी मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के नेतृत्व में कायम है, जिन्होंने आपके नेताओं के विपरीत, हमेशा पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, किसानों, महिलाओं, और युवाओं के न्याय के लिए आवाज उठाई है। वहीं, भाजपा ने सस्ती राजनीति में महारत हासिल कर ली है, नफरत और ध्रुवीकरण का उपयोग करके अपनी सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाया है।’’

रमेश ने दावा किया कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के बारे में ऐसे घृणित बयान दिए हैं, जब खुद प्रधानमंत्री अपने चुनावी अभियानों में विभाजनकारी बयानबाजी, धार्मिक ध्रुवीकरण और सस्ती बयानबाजी का उदाहरण पेश करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि वह ओछी राजनीति से ऊपर उठें, अपनी पार्टी के नेताओं की हरकतों की निंदा करें, और एक सख्त उदाहरण पेश करें। अन्यथा, आपकी चुप्पी उन तत्वों को और बढ़ावा देती है जो देश की शांति को भंग करने और नेता विपक्ष को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

रमेश ने दावा किया कि पूरा विश्व देख रहा है कि भारत की सत्ताधारी पार्टी किस तरह से विपक्ष के नेता की जान को खतरे में डाल रही है।

इससे पहले रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘जब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को कोविड-19 पर पत्र लिखते हैं तब स्वास्थ्य मंत्री को उन्हें अपने नाम से भेजने के लिए एक अपमानजनक जवाब थमा दिया जाता है। अब कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी ने मोदी जी के सहयोगियों द्वारा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को दी जा रही गंभीर धमकियों को लेकर नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को पत्र लिखा, तो भाजपा अध्यक्ष को निरर्थक जवाब भेजने का काम दे दिया गया।’’

उन्होंने कहा कि देश ने एक ऐसे प्रधानमंत्री (नेहरू) को भी देखा है, जिन्होंने 17 वर्षों तक उन्हें भेजे गए सभी आधिकारिक और व्यक्तिगत पत्रों का जवाब दिया, जैसा कि उनके चुनिंदा कार्यों के 100 से अधिक वॉल्यूम प्रमाणित करते हैं।

रमेश ने तंज कसते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि स्वघोषित परमात्मा के अवतार कुछ अलग ही होते हैं।’

भाषा हक हक पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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