नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि भारत ने 2025 तक टीबी की बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है और ‘नि-क्षय मित्र’ ने इस बीमारी के खिलाफ इस आंदोलन की कमान संभाली है.
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के 102 वें एपिसोड के दौरान कहा, “स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (नि-क्षय मित्र पहल) को लागू किया गया है. भारत ने 2025 तक टीबी मुक्त का लक्ष्य निर्धारित किया है. निक्षय मित्रा ने टीबी के खिलाफ इस आंदोलन की कमान संभाली है युवा भी इसमें योगदान दे रहे हैं.” 2025 तक टीबी मुक्त के लक्ष्य को प्राप्त करना है.”
आगे बोले, “अब देश में राजभवनों की पहचान, सामाजिक और विकास कार्यों से होने लगी है. आज, हमारे राजभवन, टी.बी. मुक्त भारत अभियान के, प्राकृतिक खेती से जुड़े अभियान के, ध्वजवाहक बन रहे हैं.”
“देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी”
पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया 1975 के आपातकाल को याद करते हुए कहा, “भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी है. हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते. यह वही दिन है जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी.”
उन्होंने आगे कहा, “यह भारत के इतिहास का काला दौर था. लाखों लोगों ने इमरजेंसी का पूरी ताकत से विरोध किया था. लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है.”
उन्होंने कहा, “मैं चाहूंगा कि, आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो, देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरुर अवलोकन करें. इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी.”
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“कच्छ के लोग जल्द ही ‘बिपारजॉय’ की तबाही से उबर जाएंगे”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात बिपारजॉय से गुजरात के कच्छ जिले में हुई तबाही का उल्लेख करते हुए कहा कि, “वहां के लोगों ने जिस मजबूती से उसका मुकाबला किया, वह अभूतपूर्व है. उन्होंने उम्मीद जताई कि कच्छ के लोग जल्द ही इस तबाही से उबर जाएंगे.”
उन्होंने कहा, ‘‘चक्रवात बिपारजॉय ने कच्छ में कितना कुछ तहस-नहस कर दिया, लेकिन कच्छ के लोगों ने जिस हिम्मत और तैयारी के साथ इतने खतरनाक चक्रवात का मुकाबला किया, वह भी उतना ही अभूतपूर्व है. आत्मविश्वास से भरे कच्छ के लोग चक्रवात बिपारजॉय से हुई तबाही से जल्द उबर जाएंगे.’’
मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का जोर नहीं होता, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वह आज एक उदाहरण बन रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े से बड़ा लक्ष्य हो, कठिन से कठिन चुनौती हो, भारत के लोगों का सामूहिक बल हर चुनौती का हल निकाल देता है.
“योग फॉरवसुधैव कुटुम्बकम” थीम
प्रधानमंत्री आगे बोले, इस वर्ष योग दिवस की थीम है – “योग फॉर वसुधैव कुटुम्बकम” यानी ‘एक विश्व-एक परिवार’ के रूप में सबके कल्याण के लिए योग. यह योग की उस भावना को व्यक्त करता है, जो सबको जोड़ने वाली और साथ लेकर चलने वाली है.”
प्रधानमंत्री हर महीने के आखिरी रविवार को ‘मन की बात’ के जरिये अपने विचार साझा करते हैं. वह 21 से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे. इसलिए इस दफा ‘मन की बात’ का प्रसारण एक सप्ताह पहले किया गया.
इसका उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आप सब जानते ही हैं, अगले हफ्ते मैं अमेरिका में रहूंगा और वहां बहुत सारी भाग-दौड़ भी रहेगी. इसलिए मैंने सोचा वहां जाने से पहले आपसे बात कर लूं.’’
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