नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अगली जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के केंद्र सरकार के फैसले के लिए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की और विपक्षी दलों पर श्रेय लेने के लिए निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने इस मुद्दे का इस्तेमाल केवल वोटों के लिए ‘राजनीतिक हथियार’ के रूप में किया।
चिराग ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “अगर इस फैसले का श्रेय किसी को दिया जाना चाहिए तो वह प्रधानमंत्री मोदी को दिया जाना चाहिए। उनके पास ऐसा करने की इच्छाशक्ति थी।”
केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए अगली जनगणना में जाति गणना को ‘पारदर्शी’ तरीके से शामिल करने की घोषणा की।
चिराग ने कहा, “कल (बुधवार को) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया। यह समय की मांग थी।”
उन्होंने इस फैसले को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए कहा कि यह भीमराव आंबेडकर के सपनों को पूरा करेगा और देश में सामाजिक न्याय को और मजबूत करने के साथ 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए ‘मजबूत नींव’ रखेगा।
चिराग ने कहा, “समाज के पिछड़े और अन्य वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राष्ट्रव्यापी जनगणना में जातियों की गणना आवश्यक है।”
चिराग ने कहा कि जाति गणना का निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि समाज के हर वर्ग को ‘उचित और समान’ हिस्सा मिले, सरकारी योजनाओं व आरक्षण का लाभ मिले और वे मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा)-रामविलास केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है।
चिराग पासवान ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने केंद्र के फैसले का श्रेय लेना शुरू कर दिया, जबकि उन्होंने जाति जनगणना के मुद्दे को केवल वोट के लिए लोगों को गुमराह करने के ‘राजनीतिक हथियार’ के रूप में इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा, “चुनावों के दौरान विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने जाति जनगणना के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाने की कोशिश की। इन पार्टियों ने हमेशा इस बारे में बात की है, लेकिन इसे लागू करने का कोई प्रयास नहीं किया।”
चिराग पासवान ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता जाति जनगणना के मुद्दे का इस्तेमाल वोट को लेकर लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए ‘राजनीतिक हथियार’ के रूप में कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस आजादी के बाद कई वर्ष तक केंद्र की सत्ता में रही, लेकिन उसने जाति जनगणना नहीं कराई।
चिराग ने कहा, “केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही ऐसा करने की इच्छाशक्ति रखते हैं।”
उन्होंने कहा, “अगर राहुल गांधी वास्तव में जाति जनगणना चाहते थे, तो वे इसे अपनी पार्टी के शासनकाल के दौरान पहले ही करवा सकते थे।”
लोजपा (रामविलास) नेता ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर बिहार में 17 महीने की महागठबंधन सरकार के दौरान जातिगत सर्वेक्षण कराने का दावा करने वाले बयान के लिए निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी भाजपा विधायकों के समर्थन से कराया गया था।
चिराग ने विपक्ष के उस आरोप को खारिज कर दिया, जिसमें मोदी सरकार पर, खासकर बिहार में चुनाव को ध्यान में रखते हुए अगली जनगणना में जाति गणना को शामिल करने का फैसला करने का आरोप लगाया गया था।
उन्होंने कहा, “अगर ऐसा होता तो हम 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह काम कर लेते।”
चिराग ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उचित समय पर उचित निर्णय लेने के लिए जाने जाते हैं। जाति गणना पर यह निर्णय लिए हुए 24 घंटे से भी कम समय हुआ है, (विपक्षी दलों द्वारा) इसे चुनावों से जोड़कर इस मुद्दे पर भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।”
भाषा जितेंद्र प्रशांत
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