नई दिल्ली : पीएम मोदी ने शुक्रवार को प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरा होने का खास जिक्र करते हुए कहा कि इस अग्रणी संरक्षण पहल का नतीजा है कि आज दुनिया के 70 प्रतिशत बाघ भारत में हैं.
चेन्नई में जी-20 एन्वायरनमेंट एंड क्लाइमेट सस्टेनेबिलिटी मिनिस्ट्रीयल मीटिंग में एक वीडियो संदेश के जरिए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट लॉयन और प्रोजेक्ट डॉल्फिन पाइपलाइन में हैं. उन्होंने कहा, “भारत ने हाल ही में हमारे ग्रह पर 7 बड़ी बिल्लियों के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस लॉन्च किया है. यह हमारे प्रोजेक्ट टाइगर से सीख पर आधारित है, जो कि एक अग्रणी संरक्षण पहल है. प्रोजेक्ट टाइगर का नतीजा है कि दुनिया के 70 फीसदी टाइगर भारत में पाए जाते हैं. हम प्रोजेक्ट लॉयन और प्रोजेक्ट डॉल्फिन पर भी काम कर रहे हैं.”
द इंटरनेशनल बिग कैट्स अलांयस (आईबीसीए) को प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल अप्रैल में कर्नाटक की मैसुरु यूनिवर्सिटी में ‘प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरा होने’ पर लांच किया.
देश की क्लाइमेट प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत स्थापित रिन्यूवेएबल एनर्जी कैपेसिटी के मामले में दुनिया के शीर्ष 5 देशों में शामिल है.
पीएम मोदी ने कहा, “आज, भारत दुनिया में स्थापित रिन्यूवेबल एनर्जी क्षमता में दुनिया के पांच देशों में शामिल है. हमने 2070 नेट जीरो (कार्बन उत्सर्जन) का लक्ष्य रखा है. हम अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन समेत अपने एलायंस के माध्यम से साझीदारों के साथ सहयोग करना जारी रखे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि भारत जैव विविधता संरक्षण, बचाव और संवर्धन को लेकर कदम उठाने के मामले में लगातार अग्रणी रहा है.
दो दिवसीय चौथी पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह (ईसीएसडब्ल्यूजी) की बैठक के समापन के बाद पर्यावरण और जलवायु स्थिरता मंत्री की बैठक हो रही है.
चौथी ईसीएसडब्ल्यूजी और पर्यावरण एवं जलवायु मंत्रियों की बैठक के मुख्य आकर्षणों में से एक, आयोजन के दूसरे दिन ‘रिसोर्स एफिशिएंसी-सर्कुलर इकोनॉमी इंडस्ट्री कोलिशन’ की शुरुआत की गई है.
इस कोलिशन (साझेदारी) का उद्देश्य वैश्विक सर्कुलरिटी एजेंडे को आगे बढ़ाने के प्रयास में राष्ट्रों, उद्योगों और विशेषज्ञों को एकजुट करना है. यह पहल जी20 इंडिया प्रेसीडेंसी की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बनने, संसाधन दक्षता में जमीनी प्रयासों को बढ़ावा देने और सर्कुलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने की दिशा में सामूहिक प्रगति का प्रतिनिधित्व करने की ओर अग्रसर है.
ईसीएसडब्ल्यूजी ने पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता दिखाई है, जो महत्वाकांक्षी और निर्णायक तरीके से जलवायु और पर्यावरण के परस्पर जुड़े मुद्दों से निपटने के भारतीय प्रेसीडेंसी के दृष्टिकोण के अनुरूप है.
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