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Friday, 19 April, 2024
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जम्मू कश्मीर, लद्दाख बने दो नए केंद्र शासित क्षेत्र, शाह बोले- अनुच्छेद 370, भारत में आतंकवाद का रास्ता था

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का प्रवेशद्वार थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे रद्द कर उस रास्ते को बंद कर दिया है.

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नयी दिल्ली: जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाए जाने के बाद अविभाजित जम्मू कश्मीर में लगा राष्ट्रपति शासन बृहस्पतिवार को हटा दिया गया.

जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो नए केन्द्र शासित क्षेत्र के रूप में आज यानी बृहस्पतिवार से अस्तित्व में आए हैं. बता दें कि राधा कृष्ण माथुर ने लद्दाख के उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ले ली है. जम्मू कश्मीर के विभाजन के बाद लद्दाख अलग केंद्र शासित क्षेत्र बन गया है. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने लेह में एक सादे समारोह में आर के  माथुर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है,‘संविधान के अनुच्छेद 356 की धारा 2,के तहत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मैं, रामनाथ कोविंद, भारत का राष्ट्रपति, मेरे द्वारा 19 दिसंबर, 2018 को जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में जारी की गई अपनी उद्घोषणा को रद्द करता हूं.’

इससे पहले राज्य की तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद जून 2017 में जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा दिया गया था और राज्यपाल शासन के छह महीने बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. दो नए केन्द्र शासित क्षेत्र के गठन के बाद बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति शासन हटाने की घोषणा की गई.

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संविधान का अनुच्छेद 356, जिसके तहत राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है, केंद्र शासित क्षेत्रों पर लागू नहीं होता.

अनुच्छेद 370, 35ए भारत में आतंकवाद का रास्ता थे : शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का प्रवेशद्वार थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे रद्द कर उस रास्ते को बंद कर दिया है.

शाह ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर का बाकी देश के साथ एकीकरण का सरदार वल्लभभाई पटेल का अधूरा सपना पांच अगस्त को पूरा हुआ जब अनुच्छेद 370 और 35ए रद्द किये गए.

पटेल की 144वीं जयंती के मौके पर यहां एकता दौड़ की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, ‘अनुच्छेद 370 और 35ए भारत में आतंकवाद का रास्ता थे। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें रद्द कर इस रास्ते को बंद कर दिया है.’

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