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Saturday, 11 May, 2024
होमदेशसीएए को लागू कर गांधी की इच्छा को पूरा किया, विरोध के नाम पर हिंसा समाज को कमज़ोर करती है: राष्ट्रपति

सीएए को लागू कर गांधी की इच्छा को पूरा किया, विरोध के नाम पर हिंसा समाज को कमज़ोर करती है: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति कोविंद ने भाषण में जैसे ही सीएए का जिक्र किया वैसे ही सत्तापक्ष के संसद सदस्यों ने मेजें थपथपाईं. वहीं विपक्षी दलों के सदस्यों ने जवाब में जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की.

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नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरु हो गया. पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. राष्ट्रपति ने कहा, ‘विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वे भारत आ सकते हैं. उन्हें सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है.’

राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘पूज्य बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए, समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे आगे बढ़ाया. हमारे राष्ट्र निर्माताओं की उस इच्छा का सम्मान करना, हमारा दायित्व है. मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून बनाकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है.’

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में जैसे ही सीएए का जिक्र किया वैसे ही सत्तापक्ष के संसद सदस्यों ने मेजें थपथपाईं. वहीं विपक्षी दलों के सदस्यों ने जवाब में जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की. राष्ट्रपति ने यह भी कहा, ‘विरोध के नाम पर हिंसा समाज को कमजोर करती है.’ राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा भी ​की. उन्होंने इस मामले में विश्व समुदाय से इसका संज्ञान लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह किया.

राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरी सरकार यह पुन: स्पष्ट करती है कि भारत में आस्था रखने वाले और भारत की नागरिकता लेने के इच्छुक दुनिया के सभी पंथों के व्यक्तियों के लिए जो प्रक्रियाएं पहले थीं, वे आज भी वैसी ही हैं. किसी भी पंथ का व्यक्ति इन प्रक्रियाओं को पूरा करके, भारत का नागरिक बन सकता है. शरणार्थियों को नागरिकता देने से किसी क्षेत्र और विशेषकर नॉर्थ ईस्ट पर कोई सांस्कृतिक प्रभाव न पड़े, इसके लिए भी सरकार ने कई प्रावधान किए हैं. हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि किसी भी विचारधारा के नेता या समर्थक होने से पहले हम देश के नागरिक हैं. हमारे देश की प्रतिष्ठा हमारी दलीय प्रतिबद्धताओं से कहीं बढ़कर है.

पिछले सात महीनों में संसद ने काम में नए कीर्तिमान स्थापित किए

राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह दशक भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इस दशक में, हमारी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होंगे. मेरी सरकार के प्रयासों से पिछले पांच वर्षों में इस दशक को भारत का दशक और इस सदी को भारत की सदी बनाने की मजबूत नींव रखी जा चुकी है.’

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उन्होंने कहा, ‘हमारा संविधान, इस संसद से तथा इस सदन में उपस्थित प्रत्येक सदस्य से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए देशवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति करने और उनके लिए आवश्यक कानून बनाने की अपेक्षा भी रखता है. मुझे प्रसन्नता है कि पिछले 7 महीनों में संसद ने काम करने के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. इस लोकसभा के पहले सत्र में, सदन द्वारा कार्य निष्पादन, पिछले सात दशकों में एक नया रिकॉर्ड रहा है.

राम जन्मभूमि के फैसले के बाद देशवासियों का व्यवहार प्रशंसनीय

संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम जन्मभूमि पर फैसले के बाद देशवासियों द्वारा जिस तरह परिपक्वता से व्यवहार किया गया, वह भी प्रशंसनीय है. मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं. वहीं विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है. सरकार द्वारा पिछले पांच वर्षों में जमीनी स्तर पर किए गए सुधारों का ही परिणाम है कि अनेक क्षेत्रों में भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अभूतपूर्व सुधार आया है. मेरी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चलते हुए, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रही है.

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना ऐतिहासिक कदम

राष्ट्रपति ने कहा, ‘संसद के दोनों सदनों द्वारा दो तिहाई बहुमत से संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को हटाया जाना, न सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के समान विकास का भी मार्ग प्रशस्त हुआ है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का तेज विकास, वहां की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा, पारदर्शी व ईमानदार प्रशासन और लोकतंत्र का सशक्तीकरण, मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां मार्च 2018 तक जम्मू-कश्मीर में लगभग 3,500 घर बनाए गए थे, वहीं दो साल से भी कम समय में 24,000 से ज्यादा घरों का निर्माण पूरा किया गया है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कनेक्टिविटी, सिंचाई, अस्पताल, पर्यटन से जुड़ी योजनाओं एवं आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे उच्च शिक्षा के संस्थानों की स्थापना का काम भी तेजी से चल रहा है.’

करतापुर साहिब कॉरिडोर देश को हुआ समर्पित

संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरी सरकार ने रिकॉर्ड समय में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण करके, गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर इसे राष्ट्र को समर्पित किया. देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले 40 लाख से ज्यादा लोग, बरसों से इस अपेक्षा में जी रहे थे कि एक दिन उन्हें अपने घर का मालिकाना हक और गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिलेगा. दिल्ली की 1,700 से अधिक कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की इस अपेक्षा को भी सरकार ने पूरा किया है. पिछले 2 अक्तूबर को गांधीजी की 150वीं जयंती पर, देश के ग्रामीण इलाकों ने, खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करके, राष्ट्रपिता के प्रति सच्ची श्रद्धा व्यक्त की है.

2022 तक सिक्किम, मिजोरम, मणिपुर और नागालैंड की राजधानी रेल नेटवर्क से जुडेंगी

राष्ट्रपति ने कहा, ‘आज भी देश के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 15 करोड़ घर ऐसे हैं, जहां पाइप से पानी की सप्लाई नहीं होती है. देश के गांवों में, हर घर तक पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेय जल पहुंचे, इसके लिए मेरी सरकार ने जल जीवन मिशन शुरू किया है. देश के 112 जिलों को आकांक्षी जिले का दर्जा देकर इनमें गरीबों के विकास से जुड़ी एक-एक योजना पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है. सरकार के प्रयासों की वजह से वर्ष 2022 तक सिक्किम, मिजोरम, मणिपुर और नागालैंड की राजधानियां रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगी.

उन्होंने कहा, ‘पांच दशकों से चली आ रही बोडो समस्या को समाप्त करने के लिए केंद्र और असम सरकार ने हाल ही में बोडो संगठनों के साथ ऐतिहासिक समझौता किया है. इस समझौते से, ऐसी जटिल समस्या, जिसमें 4 हजार से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई, उसका समाधान निकला है. त्रिपुरा, मिजोरम, केंद्र सरकार और ब्रू जनजाति के बीच हुए ऐसे ही एक और ऐतिहासिक समझौते से, न सिर्फ दशकों पुरानी समस्या हल हुई है बल्कि इससे ब्रू जनजाति के हजारों लोगों के लिए सुरक्षित जीवन भी सुनिश्चित हुआ. समझौते के बाद बोडो समुदाय के विकास के लिए सरकार द्वारा 1,500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरी सरकार के विशेष आग्रह पर सउदी अरब ने हज कोटा में अभूतपूर्व वृद्धि की थी जिस वजह से इस बार रिकार्ड 2 लाख भारतीय मुस्लिमों ने हज में इबादत की. भारत पहला ऐसा देश है जिसमें हज की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और ऑनलाइन की जा चुकी है.’

संसद का बजट सत्र का पहला चरण आज से शुरू होकर 11 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. वहीं 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रखा जाएगा.

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