लखनऊ : बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता की गाड़ी की ट्रक से हुई टक्कर के बाद तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं. रविवार को रायबरेली में हुए इस हादसे में पीड़िता की चाची व मौसी की मौत हो गई, जबकि उनके वकील महेंद्र सिंह चौहान की हालत नाजुक है. पीड़िता को लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है. इस बीच ट्रक की नंबर प्लेट पर कालिख पुते होने और गनर के गायब रहने से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
ट्रक की नंबर प्लेट पर कालिख
दरअसल जिस ट्रक से पीड़िता की गाड़ी की टक्कर हुई उसके नंबर प्लेट पर काला ग्रीस लगा था, यानि नम्बर छिपाने की कोशिश की गई थी. हालांकि कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि मौरंग की ओवरलोडिंग के दौरान आरटीओ से बचने के लिए कुछ ट्रक वाले अपने नंबर प्लेट पर काला रंग लगा देते हैं. हालांकि, ये बात लोगों के गले नहीं उतर रही है. वहीं ट्रक यूपी 71 लिखा था, जो कि फतेहपुर आरटीओ का है. ट्रक के ड्राइवर को तो पुलिस ने पकड़ लिया और उससे पूछताछ चल रही है. लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्णन का कहना है कि जिस ट्रक से कार की भिडंत हुई उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. ट्रक का नंबर प्लेट ब्लैक इंक से पेंट किया गया था. लेकिन ट्रक और कार की फोरेंसिक जांच की जाएगी.
Unnao rape victim road accident case: Rajiv Krishnan, ADG Lucknow Zone, says, "Prima facie, the victim's family had themselves asked security personnel to not accompany them because of lack of space in the car. But it's a matter of investigation" https://t.co/ypaSnGDPl4
— ANI UP (@ANINewsUP) July 28, 2019
क्यों गायब रहे गनर
बता दें कि पीड़िता को प्रशासन की तरफ से सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए गए थे. लेकिन हादसे के वक्त वो उनके साथ नहीं थे. इस पर उन्नाव पुलिस का कहना है कि रेप पीड़िता की कार में जगह नहीं होने के कारण उनके साथ गनर नहीं जा पाए थे. ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि जिस दिन गनर गायब थे. उसी दिन हादसा कैसे हो गया. उन्नाव के एसपी माधव प्रसाद वर्मा का कहना है कि संभवता रविवार को पीड़िता और उसके परिजनों ने सुरक्षाकर्मी लेने से मना किया था. लेकिन मामले की जांच की जाएगी, आखिर क्यों सुरक्षाकर्मी पीड़िता के साथ नहीं गए. जबकि रेप पीड़िता और उसके परिवार को तीन सुरक्षाकर्मी दिए गए थे.उन्होंने बताया कि एक पुरुष और दो महिला कांस्टेबल घर की सुरक्षा में लगाए गए थे. पीड़िता के साथ एक गनर और दो महिला सुरक्षाकर्मी लगाए गए थे.
रिश्तेदारों को विधायक पर शक
पीड़िता के मामा ने कहा कि नंबर प्लेट पर कालिख पुता होना, साजिश की ओर साफ इशारा कर रहा है. फिलहाल पुलिस ने ट्रक के ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है. साथ ही उसके मालिक से भी पूछताछ की जा रही है.पीड़िता की बहन ने आरोपी विधायक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़िता की बहन का कहना है कि विधायक समर्थक लगातार सुलह समझौते के लिए धमकी दे रहे थे. इस हादसे में भी उनका हाथ हो सकता है.
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उन्नाव की बांगरमऊ सीट से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर कई महीनों से जेल में बंद हैं. उन पर उन्हीं के गांव की युवती ने रेप का आरोप लगाया था. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर ने उसके साथ 4 जून, 2017 को अपने आवास पर दुष्कर्म किया, जहां वह अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी मांगने के लिए गई थी.
इस मामले की सीबीआई जांच चल रही है. विधायक के भाई पर आरोप है कि उसने पीड़िता के पिता को पेड़ से बांधकर पीटा, उसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था, जहां उसकी मौत हो गई थी. पीड़िता के चाचा महेश को एक दूसरे मामले में जेल भेजा गया था. वह रायबरेली जेल में बंद है. रविवार को पीड़िता व कई अन्य रायबरेली जेल से मिलने जा रहे थे. इसी दौरान उनकी कार से एक ट्रक टकरा गई और बड़ा एक्सिडेंट हुआ है.
बीजेपी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं
इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने तमाम सवाल उठाने शुरू कर दिए है. रविवार शाम पीड़िता से मिलने सपा के एमएलसी सुनील सिंह साजन व उदयवीर सिंह पहुंचे. वहीं कांग्रेस विधायक अराधना मिश्रा भी पीड़िता को देखने ट्रामा सेंटर पहुंचीं. इन सभी नेताओं ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की अपील की है. वहीं विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बीजेपी की ओर से फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वह सीतापुर की जेल में बंद है. चुनाव से पहले उन्नाव के भाजपा सांसद साक्षी महाराज भी उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे.
योगी उन्नाव दुर्घटना मामले की सीबीआई जांच को तैयार
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कहा है कि अगर उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता चाहती है तो उनकी सरकार राय बरेली मामले की सीबीआई जांच कराने के लिए तैयार है.
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने कहा कि दुष्कर्म पीड़िता को तीन निजी सुरक्षा कर्मी दिए गए थे. लेकिन कार में जगह नहीं होने के कारण पीड़िता ने सुरक्षा कर्मियों वहीं रुकने के लिए कहा था.
उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में यह एक दुर्घटना का मामला लगता है क्योंकि ट्रक तेज रफ्तार से आ रहा था. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी दर्ज कर लिए गए हैं. इसी बीच देखा गया कि ट्रक की नंबर प्लेट पर काला रंग पुता हुआ था जो मामले में बड़ी साजिश का इशारा करते हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है.