scorecardresearch
Friday, 15 November, 2024
होमदेशराजनेताओं, मित्रों ने DU के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा को श्रद्धांजलि दी

राजनेताओं, मित्रों ने DU के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा को श्रद्धांजलि दी

हरीश राव ने साईबाबा को बरी किए जाने का ज़िक्र करते हुए कहा कि न्याय का सिद्धांत कहता है कि किसी निर्दोष व्यक्ति को दंडित नहीं किया जाना चाहिए, जो साईबाबा के मामले में लागू होता है.

Text Size:

हैदराबाद: वरिष्ठ कांग्रेस नेता के. केशव राव, बीआरएस नेता हरीश राव और कई अन्य लोगों ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और मानवाधिकार कार्यकर्ता जी.एन. साईबाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की.

माओवादियों से कथित संबंधों के एक मामले में महज़ सात महीने पहले बरी किए गए दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा का ऑपरेशन के बाद की समस्याओं के कारण शनिवार को यहां एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया था. वे 58 वर्ष के थे.

केशव राव, विधायक हरीश राव ने यहां मौला-अली में साईबाबा के भाई के निवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. रिश्तेदारों और मित्रों द्वारा श्रद्धांजलि देने के लिए दिवंगत प्रोफेसर का पार्थिव शरीर उनके भाई के आवास पर रखा गया था.

हरीश राव ने साईबाबा को बरी किए जाने का ज़िक्र करते हुए कहा कि न्याय का सिद्धांत कहता है कि किसी निर्दोष व्यक्ति को दंडित नहीं किया जाना चाहिए, जो साईबाबा के मामले में लागू होता है.

बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव के भतीजे हरीश ने कहा, ‘‘साईबाबा को जो पीड़ा हुई उसका उत्तर कौन देगा?’’

पुलिस ने बताया कि इससे पहले साईबाबा के पार्थिव शरीर को तेलंगाना विधानसभा के सामने गन पार्क स्थित शहीद स्मारक पर ले जाया गया.

बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने माओवादियों से कथित संबंध मामले में साईबाबा एवं पांच अन्य को मार्च में बरी कर दिया था और कहा था कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ मामला साबित करने में विफल रहा है. अदालत ने उनकी आजीवन कारावास की सज़ा भी रद्द कर दी थी.

अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत आरोप लगाने के लिए प्राप्त की गई मंजूरी को ‘‘अमान्य’’ करार दिया था.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments