नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने और मास्क नहीं पहनकर कोविड-19 मानदंडों का उल्लंघन करने वाले अपने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति सचिन दत्त की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को कानून का पालन करके उदाहरण पेश करना चाहिए और वे किसी भी अन्य नागरिक की तरह कोविड-19 से संबंधित दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं.
पीठ ने कहा, ‘डीडीएमए का निर्देश अन्य नागरिकों समेत पुलिस अधिकारियों पर भी लागू होता है. हमारा मानना है कि उन्हें उदाहरण पेश करना चाहिए.’ पीठ ने दिल्ली पुलिस को उन अधिकारियों के खिलाफ भी उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जो बिना मास्क और हेलमेट के वाहन चलाकर मोटर वाहन कानून का उल्लंघन करते हैं. पीठ ने कहा कि छह सप्ताह के भीतर कार्रवाई होनी चाहिए.
अदालत एक वकील द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ खुद ड्यूटी पर रहने के दौरान कोविड-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने और गृह मंत्रालय व डीडीएमए द्वारा पारित कई आदेशों के बाद भी कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने के लिए आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
याचिकाकर्ता और अधिवक्ता शालीन भारद्वाज ने दावा किया है कि नौ अगस्त, 2021 को तड़के सदर बाजार थाने में तैनात दो पुलिसकर्मी एक सरकारी बाइक पर गश्त के दौरान बिना मास्क और हेलमेट के थे और उन्होंने कथित तौर पर उनके और उनके रिश्तेदार के साथ दुर्व्यवहार किया तथा अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया.
उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश द्वारा याचिका का निपटारा कर दिए जाने के बाद याचिकाकर्ता ने खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की. अपील में, उन्होंने कहा कि लगभग 30 पुलिस अधिकारी बिना मास्क के पाए गए लेकिन डीडीएमए के निर्देशों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
पुलिस की तरफ से पेश वकील ने स्वीकार किया कि कई पुलिस अधिकारी कानून का उल्लंघन करते हुए पाए गए थे और उन्हें चेतावनी दी गई थी तथा याचिकाकर्ता की शिकायत के आधार पर जांच की गई. उन्होंने कहा कि यह पाया गया कि कई पुलिस अधिकारी अपने कार्यस्थल पर ड्यूटी के दौरान मास्क और दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट नहीं पहने हुए थे.
इस पर पीठ ने वकील से पूछा, ‘क्या आपने (दिल्ली पुलिस ने) उनका चालान किया? आप लोगों का चालान कर रहे हैं, क्या ये अधिकारी कानून से ऊपर हैं? आपको उदाहरण पेश करना चाहिए.’
एकल न्यायाधीश ने कहा था कि कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभाने वालों को खुद इसका सख्ती से पालन करना चाहिए और दूसरों के लिए उदाहरण बनना चाहिए.
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