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Friday, 22 November, 2024
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‘नया देश मुबारक हो’- नई संसद के पास महिला महापंचायत से पहले पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लिया

पहलवान विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया को नए संसद भवन के पास महिला महापंचायत से पहले हिरासत में लिया गया. पुलिस ने धरना स्थल पर लगे टेंट को भी तोड़ दिया.

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नई दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए नए संसद भवन के पास होने वाली महिला महापंचायत से पहले रविवार दोपहर को दिल्ली पुलिस ने भारत के शीर्ष पहलवानों को हिरासत में लिया.

पहलवान विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक के नेतृत्व में एथलीट यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. एक नाबालिग सहित कम से कम सात महिला पहलवानों ने उसके खिलाफ आरोप लगाए थे.

नए संसद भवन से कुछ किलोमीटर दूर एक बस में ले जाते समय फोगट ने कहा, “नया देश मुबारक हो.”

दिप्रिंट को पता चला है कि प्रदर्शनकारियों से भरी आठ से नौ बसों को अलग-अलग पुलिस थानों में ले जाया गया है. दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों से भरी आठ से नौ बसों को अलग-अलग पुलिस थानों में ले जाया गया है.

पहलवानों के समर्थकों को हिरासत में ले जाते समय | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट

इसके बाद पुलिस ने सभी टेंट, होर्डिंग, यहां तक कि पहलवानों द्वारा लगाए गए तिरंगे को भी हटा दिया. पुलिस ने जंतर-मंतर पर धरना स्थल को खाली करा दिया और पहलवानों द्वारा अपने लिए किए गए सभी इंतजामों को भी तहस-नहस कर दिया.

दिप्रिंट कॉल और संदेशों के माध्यम से टिप्पणी के लिए दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) प्रणव तायल से संपर्क साधा लेकिन प्रकाशन के समय तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी. प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

Sakshi Malik being detained | Manisha Mondal | ThePrint
साक्षी मलिक को हिरासत में ले जाते समय | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट

जंतर-मंतर पर शनिवार रात मीडिया को संबोधित करते हुए विनेश फोगट ने कहा था कि प्रदर्शनकारी बृजभूषण की तत्काल गिरफ्तारी की मांग से कोई समझौता नहीं करेंगे.

उन्होंने समर्थकों, खासतौर से महिलाओं से, महापंचायत में भाग लेने के लिए “बड़ी संख्या में” राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की अपील की थी, जिसके लिए पहलवानों द्वारा उनके आंदोलन को सर्व में खाप के एक छत्र संगठन का समर्थन मिलने के बाद जारी किया गया था. पिछले सप्ताह महम चौबीसी के चबूतरे (मंच) पर खाप महापंचायत हुई.

एथलीट पिछले महीने से जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जो जनवरी में डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ आंदोलन के बाद फिर शुरू किया गया था.

पिछले हफ्ते ही, यूपी के कैसरगंज से भाजपा सांसद सिंह के खिलाफ आंदोलन के एक महीने के दौरान हजारों समर्थकों ने भारी पुलिस बल की उपस्थिति में जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक मोमबत्ती की रोशनी में विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि सिंह ने आरोपों से इनकार किया है.

19 मई को, पहलवानों ने अपने विरोध के 25 दिनों को चिह्नित करने के लिए नई दिल्ली में जंतर मंतर से बंगला साहिब गुरुद्वारा तक मार्च किया था.

शिकायतकर्ताओं द्वारा दायर एक याचिका पर दिल्ली पुलिस को सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ दो अलग-अलग प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गईं.

अप्रैल में, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय ने घोषणा की कि भारतीय ओलंपिक संघ अपने गठन के 45 दिनों के भीतर डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति के लिए चुनाव कराने के लिए एक तदर्थ समिति का गठन करेगा, ताकि दैनिक मामलों का प्रबंधन किया जा सके.

विपक्षी दलों, किसान संघों और खाप पंचायतों ने पहलवानों को समर्थन दिया है.

पहलवानों के विरोध के जवाब में, सिंह ने 5 जून को अयोध्या में एक रैली आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें उनका दावा है कि इसमें 11 लाख संत शामिल होंगे.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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