जयपुर : 2017 में मवेशी तस्करी के आरोप पहलू खान की लिंचिंग हुई थी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को संवादाताओं को बताया कि इस मामले की जांच तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में की गयी थी. लेकिन इसमें अगर कोई विसंगतियां पाई जाती हैं, तो मामले की फिर से जांच कराई जाएगी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा ‘कांग्रेस पार्टी ने हमेशा पहलू खान की हत्या की निंदा की है. जिन लोगों ने उनकी हत्या की थी और कानून तोड़ा था, उन्हें दंड मिलना चाहिए. भाजपा सरकार के कार्यकाल में इस मामले की जांच की गई थी और चार्जशीट पेश की गई थी. यदि जांच में कोई विसंगतियां हैं. तो मामले की फिर से जांच की जाएगी.’
राजस्थान पुलिस ने खान के खिलाफ गौ तस्करी के लिए एक चार्जशीट दायर की थी, जिन्हें 2017 में कथित तौर पर अपने दो पुत्रों के साथ मवेशियों को अलवर ले जाते समय ‘गौ रक्षक’ की भीड़ द्वारा मार दिया गया था.
Rajasthan CM Ashok Gehlot on Rajasthan Police files chargesheet against Pehlu Khan: Investigation of this case was done in the past during BJP government & chargesheet was presented. If any discrepancies will be found in the investigation, case will be re-investigated. pic.twitter.com/fdn5jWJErc
— ANI (@ANI) June 29, 2019
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा.
गहलोत ने कहा, ‘आरोपी को सबक सिखाया जाना चाहिए. ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह का अपराध न करे.’
पुलिस ने पहलू खान और उनके बेटों इरसाद (25 वर्ष ) और आरिफ (22 वर्ष ) पर राजस्थान के गोजातीय पशु (वध निषेध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात पर प्रतिबंध) अधिनियम, 1995 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाया था.
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार के सत्ता में आने के 13 दिन बाद पहलु खान के खिलाफ आरोप पत्र को पिछले साल 30 दिसंबर को तैयार किया गया था.
यह भी पढ़ें : गौ रक्षा अभियान के बावजूद, भारत का गोमांस निर्यात फिर बढ़ा
आरबीए अधिनियम की धारा 5 वध के उद्देश्य से गोजातीय पशुओं के निर्यात पर रोक लगाने से संबंधित है, जबकि धारा 6 में कहा गया है कि ट्रांसपोर्टर भी एक उसकानेवाला है और अपराध करने वाले व्यक्ति के लिए उसी सजा के लिए उत्तरदायी है.
इस बीच धारा 8 ऐसे अपराधों के लिए लगाए गए दंड से संबंधित है. जबकि, धारा 9 में गोजातीय जानवर को चोट पहुंचाने के लिए दंड का उल्लेख है.
मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई थीं. एक भीड़ को पीट-पीट कर मारने के खिलाफ था और दूसरा उसके परिवार के खिलाफ मवेशियों (गाय) को अवैध रूप से राज्य से बाहर ले जाने के लिए था.
2018 में राज्य की पिछली भाजपा सरकार ने पहलू खान के दो सहयोगियों के खिलाफ एक समान चार्जशीट दायर की थी, जिन पर भीड़ ने हमला भी किया था.
पुलिस ने पहलू खान की हत्या के आरोपी छह लोगों को क्लीन चिट दे दी थी. यह निर्णय एक गाय आश्रय के कर्मचारियों के मोबाइल फोन के बयानों पर आधारित था.
मूल रूप से हरियाणा के मूंह से आने वाले 55 वर्षीय डेयरी किसान पहलू खान को कथित तौर पर 1 अप्रैल को दिल्ली-अलवर राजमार्ग पर राजस्थान के बहरोड़ के पास गायों की तस्करी के आरोप में पीटा गया था. उन्होंने 3 अप्रैल को एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया.