मुंबई, 31 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच के दौरान पुलिस ने संप्रग सरकार के दबाव में काम किया और कांग्रेस को ‘भगवा आतंकवाद के झूठे विमर्श’ के लिए हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए।
इस मामले में भाजपा की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी सात आरोपियों को बरी करने के विशेष एनआईए अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, फडणवीस ने दावा किया कि यह जांच हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश थी।
उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि फैसले का अध्ययन करने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा गढ़े गए झूठे ‘हिंदू आतंकवाद के विमर्श’ का अदालत के फैसले से पर्दाफाश हो गया है।
फडणवीस ने कहा, ‘‘कांग्रेस को बरी हुए आरोपियों और हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए।’’
एक सवाल के जवाब में, मुख्यमंत्री, जो गृह विभाग भी संभाल रहे हैं, ने कहा कि पुलिस और जांच अधिकारी बताएंगे कि असली अपराधी कौन थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पुलिस को दोष नहीं दूंगा, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की साजिश के दबाव में काम किया।’’
फडणवीस ने दावा किया कि अमेरिका में 9/11 के हमले और अन्य आतंकवादी हमलों के बाद ‘इस्लामिक आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल शुरू हुआ और इसके जवाब में संप्रग ने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़ा।
शिवसेना (उबाठा) ने सवाल किया है कि अगर प्रज्ञा ठाकुर और उनके सह-आरोपी निर्दोष हैं, तो असली अपराधी कौन हैं, इस बारे में फडणवीस ने कहा कि विपक्षी दल को खुश होना चाहिए था कि हिंदू आतंकवाद के झूठे विमर्श का पर्दाफाश हो गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरे फैसले का अध्ययन करेंगे और फिर आगे की कार्रवाई पर फैसला लेंगे। लेकिन ऐसा लगता है कि पूरा मामला एक साजिश था।’’
भाषा वैभव देवेंद्र
देवेंद्र
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.