तिरुवनंतपुरम, 18 मई (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की केरल इकाई के सचिव बिनॉय विश्वम ने रविवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर विदेशों में प्रतिनिधिमंडल भेजना स्वागतयोग्य कदम है, लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा किए जा रहे भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के दावों पर चुप हैं, तो प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर क्या जवाब देंगे।
विश्वम ने कहा कि अमेरिका की भूमिका का प्रधानमंत्री ने अब तक कोई स्पष्ट खंडन नहीं किया है, जबकि ट्रंप कई बार यह दावा कर चुके हैं कि भारत एवं पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए उन्होंने हस्तक्षेप किया।
विश्वम ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिख, ‘प्रतिनिधिमंडल कूटनीति एक स्वागत योग्य कदम है। लेकिन यदि कोई संघर्ष को रोकने में अमेरिका की भूमिका के बारे में पूछेगा तो जवाब क्या दिया जाएगा? ट्रंप के बार-बार किए गए दावे दुनिया के सामने हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब तक इसका मजबूती से खंडन नहीं किया है। उनकी चुप्पी हमारी कूटनीति की ताकत को कमजोर करेगी।’
इससे पहले, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की राज्य इकाई के सचिव एम. वी. गोविंदन ने भी इसी तरह का रुख अपनाया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष में हस्तक्षेप करने के ट्रंप के दावे सही हैं या नहीं।
गोविंदन ने कहा था कि इस मामले में तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप भारत के इस दीर्घकालिक रुख के विपरीत होगा कि वह अपने मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से सुलझाएगा।
भाषा राखी सिम्मी
सिम्मी
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.