चंडीगढ़, 21 जनवरी (भाषा) ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ के नेता अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा भंग करने वाली सड़क नाकाबंदी “प्रबंधित” थी और अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग में रिश्वत प्राप्त की गई थी।
उन्होंने एक बयान में कहा कि हाल ही में प्रवर्तन निदेशाल की छापेमारी, और मुख्यमंत्री के परिजनों से करोड़ों रुपये का पता लगने के बाद मौजूदा सरकार को “सूटकेस दी सरकार” के रूप में उजागर हुई है।
अमरिंदर सिंह ने यह दावा भी किया कि एक बार एक महिला अधिकारी की उत्पीड़न की शिकायत से छुटकारा दिलवाने का अनुरोध करते हुए चन्नी “उनके पैरों में गिर गए थे।”
इस महीने की शुरुआत में फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई नाकेबंदी के कारण प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर फंस गया था, जिसके बाद वह वहां की रैली में शामिल हुए बिना ही चुनावी राज्य से लौट आए।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि चन्नी सरकार ने “पुलिस को निर्देश दिया था कि वे उन किसानों को न हटाएं जो भाजपा की बसों को फिरोजपुर रैली स्थल तक पहुंचने से रोक रहे थे।”
अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले फिरोजपुर के पास फ्लाईओवर पार किया था और वहां कोई नाकाबंदी नहीं थी।
सिंह ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक चन्नी सरकार द्वारा “स्पष्ट रूप से प्रबंधित” थी।
घटना को एक बड़ी सुरक्षा चूक बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि टकराव वाला रुख अपनाने के बजाय, चन्नी को स्पष्ट रूप से माफी मांगनी चाहिए थी।
सिंह ने कहा, “हम संवेदनशील सीमावर्ती राज्य हैं और पाकिस्तान की आईएसआई हमेशा यहां गड़बड़ी फैलाने के अवसर देखती रहती है।” उन्होंने कहा कि आप कोई जोखिम नहीं ले सकते।
अमरिंदर सिंह ने “चन्नी के खिलाफ ‘मी टू’ शिकायत को हल करने” में मदद करने पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि तत्कालीन मंत्री “उनके पैरों पर गिर गए थे और जीवन भर उनके प्रति वफादारी का वादा किया था।”
उन्होंने कहा, “अब, उसने रंग बदल लिया है और दावा कर रहा है कि वह पिछले दो सालों से मुझसे छुटकारा पाने की कोशिश कर रहा था।”
चन्नी को “अविश्वसनीय और कुटिल व्यक्ति” बताते हुए, अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि चन्नी ने पिछले तीन महीनों में पंजाब में तबादलों और पोस्टिंग को एक उद्योग बनाया है।
उन्होंने कहा, “तीन डीजीपी बदले गए हैं, उनके गृह मंत्री पर उनके सहयोगी द्वारा कैबिनेट बैठक में खुले तौर पर आरोप लगाया गया है कि एसएसपी की पोस्टिंग के लिए पैसे लिए जा रहे थे, एजी के पद पर रस्साकशी थी… यह ‘लोकां दी सरकार’ (जनता की सरकार) नहीं है बल्कि ‘ट्रांसफर-पोस्टिंग दी सरकार’ है, जो अब ‘सूटकेस दी सरकार’ भी हो गई है।”
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प्रशांत माधव
माधव
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