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Monday, 23 December, 2024
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‘मन की बात’ में PM ने कहा देश में प्रतिदिन 20 हजार करोड़ रुपये का डिजिटल लेनदेन हो रहा

प्रधानमंत्री बोले, 'साथियो, देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद करने के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव से अच्छा समय और क्या हो सकता है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया. इसमें उन्होंने जनता से म्‍यूजियम से जुड़े कई सवाल किये और छात्रों से कहा कि वे गर्मी की छुट्टियों में अपने नजदीक के म्‍यूजियम जरूर देखने जाएं. मोदी ने ‘पीएम म्‍यूजियम’ का जिक्र किया.

आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 88वें संस्करण में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल लेनदेन से सुविधा भी बढ़ रही है और देश में ईमानदारी का माहौल भी बन रहा है.

म्‍यूजियम की चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, ‘बहुत से लोग अपने पुराने कलेक्शन को, ऐतिहासिक चीज़ों को भी, म्यूजियम्स को दान कर रहे हैं. आप जब ऐसा करते हैं तो एक तरह से आप एक सांस्कृतिक पूंजी को पूरे समाज के साथ साझा करते हैं.

पूछे सात सवाल

मन की बात क दौरान प्रधानमंत्री ने नोजवानो से पूछे सात सवाल , कहा- ‘अभी मैं आपसे जो पूछने जा रहा हूं, आप उनके उत्तर नमो ऐप या सोशल मीडिया पर #MuseumQuiz के साथ शेयर कर सकते हैं और जरुर करें. मेरा आपसे आग्रह है कि आप इन सभी सवालों का जवाब ज़रूर दें.’

पहला सवाल, क्या आप जानते हैं कि देश के किस शहर में एक प्रसिद्ध रेल म्यूजियम है, जहां पिछले 45 वषों से लोगो को भारतीय रेल की विरासत देखने का मौका मिल रहा है?

दूसरा सवाल, क्या आप जानते हैं कि मुंबई में वो कौन सा म्यूजियम है, जहां हमें बहुत ही रोचक तरीके से करेंसी का इवॉल्‍यूशन देखने को मिलता है? यहां ईसा पूर्व छठी शताब्दी के सिक्के मौजूद हैं तो दूसरी तरफ ई-मनी भी मौजूद है.

तीसरा सवाल, ‘विरासत-ए-खालसा’ इस म्यूजियम से जुड़ा है. क्या आप जानते हैं, ये म्यूजियम, पंजाब के किस शहर में मौजूद है?

चौथा सवाल, पतंगबाजी में तो आप सबको बहुत आनंद आता ही होगा, अगला सवाल इसी से जुड़ा है.  देश का एकमात्र काइट म्‍यूजियम कहां है?

पांचवा सवाल, बचपन में डाक टिकटों के संग्रह का शौक किसे नहीं होता! लेकिन, क्या आपको पता है कि भारत में डाक टिकट से जुड़ा नेशनल म्यूजियम कहां है?

छठा सवाल, गुलशन महल नाम की इमारत में कौन सा म्यूजियम है? आपके लिए क्‍लू ये है कि इस म्यूजियम में आप फिल्म के डायरेक्टर भी बन सकते हैं, कैमरा, एडिटिंग की बारीकियों को भी देख सकते हैं.

सातवां सवाल, क्या आप ऐसे किसी म्यूजियम के बारे में जानते हैं जो भारत की टेक्‍सटाइल से जुड़ी विरासत को सेलिब्रेट करता है?


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यूपीआइ से ही लेन-देन

मोदी ने कहा, ‘देश में प्रतिदिन करीब 20,000 करोड़ रुपये का ‘डिजिटल लेनदेन’ हो रहा है और इससे देश में एक डिजिटल अर्थव्यवस्था तैयार हो रही है तथा एक संस्कृति भी विकसित हो रही है’.

प्रधानमंत्री ने आगे दिल्‍ली की दो बेटियां सागरिका और प्रेक्षा का जिक्र किया और कहा कि उनसे हमें सीखने की जरूरत है. वे दिनभर राष्‍ट्रीय राजधानी मेट्रो सिटी में घूमी और एक पैसे का लेनदेन कैश में नहीं किया. उसने सारा लेनदेन यूपीआइ और डिजिटल पेमेंट के जरिये किया.

उन्होंने आगे कहा, अब ऐसा नहीं है कि यूपीआइ का प्रसार केवल दिल्ली जैसे बड़े शहरों तक ही सीमित है! ‘मैं आपसे भी आग्रह करूंगा कि कैशलेस डे आउट का एक्सपेरिमेंट करके देखें, जरुर करें.’ अब तो छोटे-छोटे शहरों में और ज्यादातर गांवों में भी लोग यूपीआइ से ही लेन-देन कर रहे हैं. ‘जिन जगहों पर कुछ साल पहले तक इंटरनेट की अच्छी सुविधा भी नहीं थी वहां भी यूपीआई से लेनदेन की सुविधा उपलब्ध है.’

जल सबसे बड़ा संसाधन है

मोदी ने आगे कहा, ‘साथियो, पानी की उपलब्धता और पानी की क़िल्लत, ये किसी भी देश की प्रगति और गति को निर्धारित करते हैं.  आपने भी गौर किया होगा कि ‘मन की बात’ में, मैं, स्वच्छता जैसे विषयों के साथ ही बार-बार जल संरक्षण की बात जरुर करता हूं.’

संसार में, जल ही, हर एक जीव के, जीवन का आधार है और जल ही सबसे बड़ा संसाधन भी है.

उन्होंने आगे कहा, ‘साथियो, जल से जुड़ा हर प्रयास हमारे कल से जुड़ा है. इसमें पूरे समाज की ज़िम्मेदारी होती है. इसके लिए सदियों से अलग-अलग समाज, अलग-अलग प्रयास लगातार करते आये हैं.’

प्रधानमंत्री आगे बोले, ‘साथियो, देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद करने के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव से अच्छा समय और क्या हो सकता है. देश के लिए यह गौरव की बात है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव एक जन-आंदोलन का रूप ले रहा है.’

‘साथियो, इस समय आजादी के 75वें साल में, आजादी के अमृत महोत्सव में, देश जिन संकल्पों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उनमें जल संरक्षण भी एक है. अमृत महोत्सव के दौरान देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाये जायेंगे.’


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