पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य में सुशासन लाने का श्रेय देते हुए उनकी सराहना की और विश्वास जताया कि जद (यू) प्रमुख के नेतृत्व में अच्छा काम जारी रहेगा.
प्रधानमंत्री ने बिहार में पेट्रोलियम क्षेत्र में 900 करोड़ रुपये से अधिक की तीन परियोजनाओं को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये देश को समर्पित किया.
राज्य में विपक्षी दल राजद और उसके नेता लालू प्रसाद या पार्टी के सहयोगी दल कांग्रेस में से किसी का भी नाम नहीं लेते हुए मोदी ने राज्य के पिछड़ेपन के लिए उस मानसिकता को जिम्मेदार ठहराया जिसमें आर्थिक प्रगति को तिरस्कार की दृष्टि से देखा जाता है और जब गरीबों के उत्थान की बात आती है तो केवल बातों को ही पर्याप्त माना जाता है.
परोक्ष रूप से लालू प्रसाद की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि बिहार लंबे समय से एक अलग तरह की मानसिकता से जकड़ा हुआ था. सड़क परियोजनाओं को हतोत्साहित किया जाता था और लोगों से पूछा जाता था कि इनका उन लोगों के लिए क्या काम है जिनके पास वाहन नहीं हैं और जो पैदल चलते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रगति को लेकर इस अनदेखी का असर उच्च शिक्षा पर भी पड़ा, लेकिन बीते 15 वर्ष सुशासन के रहे हैं. आधारभूत ढांचे में सुधार आया है, नए मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज खुले, विधि संस्थान तथा पॉलीटेक्निक खुले. नीतीश कुमार ने प्रगति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
भाजपा ने बिहार में जद (यू) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की है जिसमें मुख्यमंत्री पद का चेहरा नीतीश कुमार होंगे.
कोरोनावायरस महामारी और उसके कारण लगे लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में प्रवासियों के लौटने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इनमें से बड़ी संख्या में बिहार के लोग थे.
उन्होंने कहा कि इस संकट ने हमारे लिए अवसर प्रस्तुत किया है. हम त्वरित आर्थिक गतिविधियों को सक्रिय करके रोजगार के नए स्रोतों के बारे में विचार कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बिहार में एलपीजी पाइपलाइन परियोजना के एक खंड और दो बॉटलिंग संयंत्रों का उद्घाटन किया.
इन परियोजनाओं में पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन परियोजना का दुर्गापुर-बांका खंड और बांका और चंपारण जिले में दो एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गैस पाइपलाइन परियोजना से बिहार में उर्वरक, बिजली और इस्पात क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और सीएनजी आधारित स्वच्छ यातायात प्रणाली का भी लाभ मिलेगा तथा रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.