नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आतंकवाद को विश्व के समक्ष सबसे बड़ी समस्या बताया और संगठित तरीके से इसका मुकाबला करने का आह्वान करते हुए इसका समर्थन कर रहे देशों को जवाबदेह ठहराए जाने की आवश्यकता पर बल दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) देशों के शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और आईएमएफ तथा डब्ल्यूटीओ जैसे संगठनों में सुधार की आवश्यकता जताई.
उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए.’
मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एक व्यापक सुधार प्रक्रिया शुरू की है और यह अभियान इस विश्वास पर आधारित है कि एक ‘आत्मनिर्भर और लचीला’ भारत कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए ‘फोर्स मल्टीप्लायर’ हो सकता है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक मजबूत योगदान दे सकता है.
उन्होंने कहा, ‘इसका उदहारण हमने कोरोना महामारी के दौरान भी देखा, जब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेज पाए. हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता भी इस तरह मानवता के हित में काम आएगी.’
मोदी ने कहा कि 2021 में ब्रिक्स के 15 वर्ष पूरे हो जाएंगे और जब भारत इसकी अध्यक्षता करेगा तब ब्रिक्स के तीनों स्तंभों में इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग को मजबूत करने का प्रयत्न किया जाएगा.
बैठक में अगले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए भारत को अध्यक्षता सौंपी जाएगी. भारत 2021 में होने वाले 13वें ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. इससे पहले भारत ने 2012 और 2016 में ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की है.
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भी इस बैठक में शामिल होना प्रस्तावित है.
ब्रिक्स देशों का यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब इसके दो प्रमुख सदस्य देशों भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर छह महीने पहले हुई एक हिंसप झड़प के बाद गतिरोध बरकरार है. अब दोनों पक्ष ऊंचाई वाले इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं.
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी का शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान डिजीटल माध्यम से आमना-सामना हुआ था.
ब्रिक्स को एक प्रभावी संगठन माना जाता है जो विश्व की कुल आबादी के आधे हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है. ब्रिक्स देशों का संयुक्त रूप से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 16.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है.