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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशजो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे वे चालाकी से डिफेंस ऑफिस काम्पलेक्स पर चुप थे : मोदी

जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे वे चालाकी से डिफेंस ऑफिस काम्पलेक्स पर चुप थे : मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने बृहस्तपतिवार 2 नये रक्षा कार्यालय परिसर का उद्घाटन किया. कहा कि यह हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करेंगे.

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नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने बृहस्तपतिवार 2 नये रक्षा कार्यालय परिसर का उद्घाटन किया. ये दोनों कार्यालय कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यु में बने हैं. पीएम ने दो रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन करने के बाद कहा कि यह हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करेंगे.

इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत समेत सशस्त्र बलों के प्रमुख मौजूद रहे.

पीएम मोदी ने कहा कि, ‘ये आधुनिक रक्षा कार्यालय, राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े कामों को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाने में मदद करेंगे. मुझे विश्वास है कि नए संसद भवन का निर्माण कार्य समय पर पूरा हो जाएगा.’

पीएम ने कहा, ‘जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे बड़ी चालाकी से इस काम्पेलेक्स पर चुप थे जो कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जहां 7,000 से अधिक सेना के अफसर काम करते हैं, वो व्यवस्था विकसित हो रही है उस पर बिल्कुल चुप रहते थे.’

उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा’ से जुड़ा जो भी काम आज हो रहा है, उसके मूल में जीने और कारोबार करने की सुगमता की भावना है.

पीएम ने कहा आज जब भारत की सैन्य ताकत को हम हर लिहाज से आधुनिक बनाने में जुटे हैं, आधुनिक हथियार से लैस करने में जुटे हैं, सेना की जरूरत की खरीद तेज हो रही है, तब देश की रक्षा से जुड़ा कामकाज दशकों पुराने तरीके से हो, ये कैसे संभव हो सकता है?

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जब हम राजधानी की बात करते हैं तो वो सिर्फ एक शहर नहीं होता. किसी भी देश की राजधानी उस देश की सोच, संकल्प, सामर्थ्य और संस्कृति का प्रतीक होती है. भारत तो लोकतंत्र की जननी है. इसलिए भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए, जिसके केंद्र में लोक हो, जनता हो.’

आज जब हम Ease of living और Ease of doing business पर फोकस कर रहे हैं, तो इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी उतनी ही बड़ी भूमिका है. सेंट्रल विस्टा से जुड़ा जो काम आज हो रहा है, उसके मूल में यही भावना है.

पीएम ने कहा कि डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स का जो काम 24 महीने में पूरा होना था वो सिर्फ 12 महीने में पूरा किया गया है. वो भी तब जब कोरोना से बनी परिस्थितियों में लेबर से लेकर तमाम दूसरी चुनौतियां सामने थीं. कोरोना काल में सैकड़ों श्रमिकों को इस प्रोजेक्ट में रोजगार मिला है.

जब नीति और नीयत साफ हो, इच्छाशक्ति प्रबल हो और प्रयास ईमानदार हों, तो कुछ भी असंभव नहीं होता, सब संभव होता है. देश की नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का निर्माण भी तय समय सीमा के भीतर पूरा होगा.

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