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Sunday, 5 May, 2024
होमदेशपीएम मोदी ने किया ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ का ऐलान, नवंबर तक गरीबों को मिलेगा मुफ्त राशन

पीएम मोदी ने किया ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ का ऐलान, नवंबर तक गरीबों को मिलेगा मुफ्त राशन

पीएम ने गरीब परिवारों के लिए महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर तक चालू रखने की बात कही. इसमें गरीब परिवार को पांच किलों गेहूं,पांच किलों चावल और एक किलों चना मुफ्त दिया जाएगा.

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नई दिल्ली: देश में जारी कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित किया. पीएम मोदी ने गरीब परिवारों के लिए महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर तक चालू रखने की बात कही. इसमें गरीब परिवार को पांच किलों गेहूं, पांच किलों चावल और एक किलों चना मुफ्त दिया जाएगा.

वहीं, पीएम मोदी ने पूरे भारत में ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ की व्यवस्था लागू करने की बात भी कहीं.

पीएम ने कहा कि सारी सावधानियां का ध्यान रखते हुए आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाएंगे. हम आत्मनिर्भर भारत के लिए दिन रात एक करेंगे. हम सब लोकल के लिए वोकल भी होंगे.

चेहरे पर मास्क नहीं पहनने वाले को लोगों सावधान करते हुए पीएम ने अपने संबोधन कहा, आपने खबरों में देखा होगा कि एक देश के प्रधानमंत्री पर 13 हजार का जुर्माना लग गया, क्योंकि वे सार्वजनिक स्थान पर बिना मास्क पहने गए थे. भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए. गांव का प्रधान हो या देश का, कोई नियमों से ऊपर नहीं है.

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार नवंबर तक

पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्य तौर पर कृषि सेक्टर में ही ज्यादा काम होता है, अन्य दूसरे सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती रहती है. जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है. त्योहारों का ये समय जरूरतें भी बढ़ाता है खर्चे भी बढ़ाता है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के इस विस्तार में 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे. अगर इसमें पिछले तीन महीने का खर्च भी जोड़ दें तो ये करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए हो जाता है.

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पीएम ने आगे कहा, अब पूरे भारत के लिए एक राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है. यानि ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’. इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा जो रोज़गार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गांव छोड़कर के कहीं और जाते हैं. आज गरीब को, ज़रूरतमंद को, सरकार अगर मुफ्त अनाज दे पा रही है, तो इसका श्रेय दो वर्गों को जाता है. पहला हमारे देश के मेहनती किसान, हमारे अन्नदाता और दूसरा- हमारे देश के ईमानदार टैक्सपेयर.

80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 3 माह का राशन मुफ्त दिया

पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, लॉकडाउन के दौरान देश की सर्वोच्च प्राथमिकता रही कि ऐसी स्थिति न आए कि किसी गरीब के घर में चूल्हा न जले. केंद्र सरकार हो, राज्य सरकारें हों, सिविल सोसायटी के लोग हों, सभी ने पूरा प्रयास किया कि इतने बड़े देश में हमारा कोई गरीब भाई-बहन भूखा न सोए. देश हो या व्यक्ति समय पर फैसले लेने से संवेदनशीलता से फैसले लेने से किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति बढ़ जाती है. इसलिए, लॉकडाउन होते ही सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई. बीते तीन महीनों में 20 करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं. इस दौरान 9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं. एक और बड़ी बात है जिसने दुनिया को भी हैरान किया है, आश्चर्य में डुबो दिया है. वो ये कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 3 महीने का राशन यानि परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया.

अनलॉक-1 में लापरवाही बढ़ी

पीएम ने कहा, ‘कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते हुए अब हम अनलॉक-2 में प्रवेश कर रहे हैं और हम उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं, जहां सर्दी-जुखाम, खांसी-बुखार के मामले बढ़ जाते हैं. ये बात सही है कि अगर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को देखें तो दुनिया के अनेक देशों की तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है. समय पर किए गए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है.


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उन्होंने कहा, जब से देश में अनलॉक-1 हुआ है, व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही भी बढ़ती ही चली जा रही है. पहले हम मास्क को लेकर, दो गज की दूरी को लेकर, 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे. लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था. अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है. विशेषकर कन्टेनमेंट जोंस पर हमें बहुत ध्यान देना होगा, जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा.

गौरतलब है कि पीएम मोदी कोरोनाकाल के दौरान पांच बार राष्ट्र के नाम संबोधन कर चुके है. इसमें 19 मार्च को जनता कर्फ्यू का ऐलान, 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन का एलान, 3 अप्रैल को दीप जलाने की अपील ,14 अप्रैल को लॉकडाउन 2 की घोषणा और 12 मई को लॉकडाउन 4 का एलान किया था.

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