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बुधवार, 30 अप्रैल, 2025
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PM मोदी ने LBSNAA में कार्यक्रम को किया संबोधित; रिफॉर्म; परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म का दिया मंत्र

पीएम मोदी ने LBSNAA में फाउंडेशन कोर्स के समाप्ति के एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को उन्होंने सेंस ऑफ ड्यूटी और सेंस ऑफ पर्पज़ के साथ काम करने की सलाह दी.

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नई दिल्लीः पीएम मोदी ने आज एलबीएसएनएए में 96वें कामन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह को संबोधित किया. लाल बहाहुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक एकेडमी को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में मैंने अनेकों बैच के सिविल सर्वेंट्स से बात की है, मुलाकात की है, उनके साथ लंबा समय गुजारा है. लेकिन आपका बैच बहुत स्पेशल है. आप भारत की आजादी के 75वें वर्ष में अपना काम शुरू कर रहे हैं. हम में से बहुत से लोग उस समय नहीं होंगे जब भारत अपनी आजादी के 100वें वर्ष में प्रवेश करेगा. लेकिन आपका ये बैच, उस समय भी रहेगा, आप भी रहेंगे.

उन्होंने कहा. ‘आजादी के इस अमृतकाल में, अगले 25 साल में देश जितना विकास करेगा, उसमें बहुत बड़ी भूमिका आपकी होगी. 21वीं सदी के जिस मुकाम पर आज भारत है, पूरी दुनिया की नजरें हम पर टिकी हुई हैं. कोरोना ने जो परिस्थितियां पैदा की हैं, उसमें एक नया वर्ल्ड ऑर्डर उभर रहा है. इस नए वर्ल्ड ऑर्डर में भारत को अपनी भूमिका बढ़ानी है और तेज गति से अपना विकास भी करना है.’

पीएम मोदी ने कहा, ‘बीते 75 वर्षों में हमने जिस गति से प्रगति की है, अब उससे कई गुना तेजी से आगे बढ़ने का समय है. आने वाले वर्षों में आप कहीं किसी जिले को संभाल रहे होंगे, किसी विभाग को संभाल रहे होंगे, कहीं इंफ्रास्ट्रक्चर का बहुत बड़ा प्रोजेक्ट आपकी निगरानी में चल रहा होगा.’

आगे उन्होंने कहा, ‘इन सभी कार्यों में आपको एक चीज का हमेशा ध्यान रखना है और वो है 21वीं सदी के भारत का सबसे बड़ा लक्ष्य. ये लक्ष्य है- आत्मनिर्भर भारत का, आधुनिक भारत का. इस समय को हमें खोना नहीं है. ट्रेनिंग के दौरान आपको सरदार पटेल जी के विजन, उनके विचारों से अवगत कराया गया है. सेवा भाव और कर्तव्य भाव का महत्व, आपकी ट्रेनिंग का अभिन्न हिस्सा रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘आप जितने वर्ष भी इस सेवा में रहेंगे, आपकी व्यक्तिगत और प्रोफेशनल सफलता का पैमाना यही फैक्टर रहना चाहिए. जब हम सेंस ऑफ ड्यूटी और सेंस ऑफ पर्पज़ के साथ काम करते हैं, तो हमें कोई काम बोझ नहीं लगता. आप भी यहां एक सेंस ऑफ पर्पज़ के साथ आए हैं. आप समाज के लिए, देश के लिए, एक सकारात्मक परिवर्तन का हिस्सा बनने आए हैं. आपको फाइलों और फील्ड का फर्क समझते हुए ही काम करना होगा. फाइलों में आपको असली फील नहीं मिलेगी. फील के लिए आपको फील्ड से जुड़े रहना होगा.’

काम करने का तरीका बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरी ये बात आप जीवन भर याद रखिएगा कि फाइलों में जो आंकड़े होते हैं, वो सिर्फ नंबर्स नहीं होते. हर एक आंकड़ा, हर एक नंबर, एक जीवन होता है. आपको नंबर के लिए नहीं, हर एक जीवन के लिए काम करना है. आप इस बात की तह तक जाइएगा कि जब वो नियम बनाया गया था, तो उसके पीछे की वजह क्या थी.’

उन्होंने कहा, ‘जब आप अध्ययन करेंगे, किसी समस्या के तह तक जाएंगे, तो फिर आप उसका स्थायी समाधान भी दे पाएंगे. आजादी के इस अमृतकाल में हमें रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म को अगले स्तर पर ले जाना है. इसलिए ही आज का भारत सबका प्रयास की भावना से आगे बढ़ रहा है.

चुनौतीपूर्ण काम के बारे में पीएम मोदी ने कहा, ‘आपको भी अपने प्रयासों के बीच ये समझना होगा कि सबका प्रयास, सबकी भागीदारी की ताकत क्या होती है. आप ये प्रार्थना जरूर करिएगा कि भविष्य में आपको कोई आसान काम न मिले. चुनौतीपूर्ण काम का आनंद ही कुछ और होता है. आप जितना कंफर्ट जोन में जाने की सोचेंगे, उतना ही अपनी प्रगति और देश की प्रगति को रोकेंगे.’


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