scorecardresearch
Saturday, 18 May, 2024
होमदेशप्रधानमंत्री ने कमजोर जनजातीय समूहों के कल्याण के लिए 24,000 करोड़ रुपये की योजना शुरू की

प्रधानमंत्री ने कमजोर जनजातीय समूहों के कल्याण के लिए 24,000 करोड़ रुपये की योजना शुरू की

Text Size:

खूंटी (झारखंड), 15 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी गौरव के प्रतीक बिरसा मुंडा की जयंती पर बुधवार को वंचित आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए ‘मिशन मोड’ पर काम करने का वादा किया और कमजोर जनजातीय समूहों के लिए 24,000 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू करते हुए कहा कि वह उनका कर्ज चुकाएंगे।

‘पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान’ के अलावा मोदी ने ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ सहित कई योजनाएं भी शुरू कीं जिनका उद्देश्य उन लोगों तक पहुंचना है जो विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के लिए पात्र हैं लेकिन अब तक लाभान्वित नहीं हुए हैं।

उन्होंने राष्ट्र के विकास के लिए चार स्तंभों- महिलाओं, किसानों, युवाओं और मध्यम वर्ग एवं गरीबों के सशक्तीकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु में उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद झारखंड के खूंटी फुटबॉल मैदान में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं वंचितों का कर्ज चुकाने के लिए उनकी भूमि पर आया हूं।’

मोदी ने कहा, ‘सच्ची धर्मनिरपेक्षता तभी आती है जब देश के किसी भी नागरिक के खिलाफ भेदभाव की सभी संभावनाएं खत्म हो जाती हैं।’ उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय तभी सुनिश्चित होता है जब सभी सरकारी योजनाओं का लाभ समान मात्रा में सब तक पहुंचे।

झारखंड की स्थापना वर्ष 2000 में मुंडा की जयंती पर हुई थी।

यह यात्रा राजनीतिक महत्व भी रखती है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव और बड़ी आदिवासी आबादी वाले अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले झारखंड में आदिवासी मतदाताओं को लुभाना है।

इस अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी तथा अर्जुन मुंडा उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि विकसित भारत के संकल्प का एक प्रमुख आधार ‘पीएम जनमन’ या ‘पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान’ है। उन्होंने कहा कि आदिवासी कल्याण के लिए बजट छह गुना बढ़ा दिया गया है।

मोदी ने कहा कि ‘पीएम जनमन’ के तहत सरकार आदिवासी समूहों और आदिम जनजातियों तक पहुंचेगी, जिनमें से अधिकतर अभी भी जंगलों में रहती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सरकार ने 75 ऐसे आदिवासी समुदायों और आदिम जनजातियों की पहचान की है जो देश के 22,000 से अधिक गांवों में रहते हैं। पहले सरकारें आंकड़ों को जोड़ने का काम करती थीं, लेकिन मैं आंकड़ों को नहीं, बल्कि जिंदगियों को जोड़ना चाहता हूं। इसी लक्ष्य के साथ ‘पीएम जनमन’ की आज शुरुआत हुई है।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र इस व्यापक योजना पर 24,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा।

‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के बारे में उन्होंने कहा कि यह आज से शुरू होकर अगले साल 26 जनवरी तक चलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस यात्रा में सरकार मिशन मोड पर देश के हर गांव में जाएगी और हर गरीब एवं वंचित व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभार्थी बनाएगी।’

मोदी ने 2018 के ग्राम स्वराज अभियान को याद किया जहां सात प्रमुख सरकारी योजनाओं के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए 1,000 सरकारी अधिकारियों को गांवों में भेजा गया था और विश्वास जताया कि यह यात्रा भी उतनी ही सफल होगी।

उन्होंने कहा, ‘मैं उस दिन को लेकर आशान्वित हूं जब हर गरीब के पास मुफ्त राशन के लिए राशन कार्ड, उज्ज्वला योजना से गैस कनेक्शन, घरों में बिजली की आपूर्ति, नल से पानी का कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड और पक्का घर होगा।’

मोदी ने प्रत्येक किसान और मजदूर को पेंशन योजनाओं से जुड़ने और युवाओं को मुद्रा योजना का लाभ उठाकर सपनों को साकार करने के अपने दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा, ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा भारत के गरीबों, वंचितों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए मोदी की गारंटी है।’

प्रधानमंत्री ने वंचित लोगों के प्रति अपनी आत्मीयता व्यक्त की और कहा कि वे सरकार के लिए प्राथमिकता बन गए हैं।

उन्होंने विकसित भारत के चार ‘अमृत स्तंभों’-नारी शक्ति, भारत के खाद्य उत्पादकों, देश के युवाओं और भारत के मध्यम वर्ग एवं गरीबों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

मोदी ने कहा कि उनके शासनकाल में 13 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।

यह रेखांकित करते हुए कि देश की एक बड़ी आबादी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है, मोदी ने कहा, ‘‘हमारा ‘सेवाकाल’ तब शुरू हुआ जब 2014 में हमारी सरकार सत्ता में आई।’’

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के लापरवाह रवैये के कारण गरीबों ने सारी उम्मीदें खो दी थीं।

मोदी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने सेवा की भावना से काम शुरू किया। 2014 से पहले गांवों में स्वच्छता का दायरा महज 40 प्रतिशत था, जबकि आज देश पूर्णता का लक्ष्य लेकर चल रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘गांवों में एलपीजी कनेक्शन 50-55 प्रतिशत से बढ़कर 100 प्रतिशत हो गए हैं, जीवन बचाने वाले टीके 55 प्रतिशत से 100 प्रतिशत बच्चों तक पहुंच गए हैं और नल से जल कनेक्शन 17 प्रतिशत से बढ़कर 70 प्रतिशत घरों तक पहुंच गया है।’’

उन्होंने 18,000 गांवों के विद्युतीकरण का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार ने कम संभावनाओं वाली चीजों की जगह लंबे समय से लंबित मुद्दों पर ध्यान दिया।

मोदी ने कहा कि 110 जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवनयापन में सुगमता के प्रमुख मानकों का स्तर ऊंचा हुआ, जिन्हें पिछड़ा घोषित किया गया था।

आदिवासी गौरव के लिए भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने असंख्य आदिवासी नायकों के साथ झारखंड की भूमि के जुड़ाव का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि तिलका मांझी, सिधू कान्हू, चांद भैरव, फूलो झानो, नीलांबर, पीतांबर, जतरा टाना भगत और अलबर्ट एक्का जैसे अनेक नायकों ने इस धरती को गौरवान्वित किया है।

मोदी ने कहा कि आदिवासी योद्धाओं ने देश के कोने-कोने में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और मानगढ़ धाम के गोविंद गुरु, मध्य प्रदेश के टंट्या भील, भीमा नायक, छत्तीसगढ़ के शहीद वीर नारायण सिंह, वीर गुंडाधुर, मणिपुर की रानी गाइदिन्ल्यू, तेलंगाना के वीर रामजी गोंड, आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू और गोंड प्रदेश की रानी दुर्गावती का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी हस्तियों की उपेक्षा दुखद है और अमृत महोत्सव के दौरान इन नायकों को याद किया जाना संतोष देने वाला है।

प्रधानमंत्री ने जनजातीय समुदायों के विकास को लेकर दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति आभार व्यक्त किया।

मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त के रूप में 18,000 करोड़ रुपये भी जारी किए और कहा कि सरकार पशुधन के मुफ्त टीकाकरण पर 15,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा योजना पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड में अब 100 प्रतिशत विद्युतीकृत रेल मार्ग हैं।

मोदी ने झारखंड में लगभग 7,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में देश भर में 300 से अधिक विश्वविद्यालय और 5,500 नए कॉलेज स्थापित किए गए हैं।

उन्होंने डिजिटल इंडिया अभियान और देश के एक लाख से अधिक स्टार्टअप के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र बनने का भी जिक्र किया।

मोदी ने रांची में आईआईएम परिसर और आईआईटी-आईएसएम, धनबाद में नए छात्रावासों के उद्घाटन का भी उल्लेख किया।

भाषा नेत्रपाल प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments