गोलाघाट (असम), 23 अगस्त (भाषा) असम के गोलाघाट जिले में नागालैंड की सीमा से लगे रेंगमा संरक्षित वनक्षेत्र में पौधारोपण अभियान शनिवार को पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री की मंजूरी के इंतजार में स्थगित कर दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों के दो वरिष्ठ मंत्रियों ने शीर्ष अधिकारियों के साथ प्रस्तावित पौधारोपण स्थल के निकट चर्चा की और आगे की कार्रवाई की दिशा में संयुक्त रूप से आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
असम के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पर्यावरण एवं वन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने किया, जबकि नागालैंड प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई उपमुख्यमंत्री वाई पैटन ने की।
पटवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बेदखली और पौधारोपण, दोनों जारी रहेंगे। आज का वृक्षारोपण इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि (नागालैंड के) उप-मुख्यमंत्री को अपने मुख्यमंत्री को पौधारोपण अभियान के बारे में बताना होगा। वह मुख्यमंत्री की मंज़ूरी लेंगे और फिर पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें असम के मुख्यमंत्री से आवश्यक अनुमति मिल गई थी और वह पौधारोपण कर सकते थे, लेकिन यह निर्णय लिया गया कि यह अभियान नागालैंड के साथ मिलकर चलाया जाएगा, क्योंकि पड़ोसी राज्य भी इस विचार से सहमत था।
पैटन ने पुष्टि की कि अंतरराज्यीय सीमा पर यथास्थिति बनाये रखी जाएगी।
दोनों पक्षों ने संवेदनशील रेंगमा रिजर्व वन क्षेत्र में पौधारोपण गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
इस बात पर सहमति बनी कि असम और नागालैंड के मुख्यमंत्रियों के बीच विचार-विमर्श के बाद पौधारोपण की पहल औपचारिक रूप से शुरू की जाएगी।
बयान में कहा गया है कि दोनों सरकारों ने सीमावर्ती क्षेत्र में वनों की सुरक्षा और सतत विकास के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
असम और नागालैंड के बीच 512.1 किलोमीटर लंबी अंतरराज्यीय सीमा है लेकिन 1963 में नागालैंड के गठन के बाद से ही दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद चल रहा है। यह मामला अब समाधान के लिए उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
मार्च में असम विधानसभा में कहा गया था कि नागालैंड ने 59,490.21 हेक्टेयर ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है।
असम सरकार ने हाल में रेंगमा में दो चरणों में बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान चलाया था।
बेदखली अभियान के तुरंत बाद, स्थानीय खबरों में दावा किया गया था कि नागा लोग बेदखली करायी गयी भूमि पर अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने खारिज कर दिया था।
भाषा राजकुमार पवनेश
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